जा के किस से कहें हमको क्या चाहिए ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया
जा के किस से कहें हमको क्या चाहिएज़हर कोई न कोई दवा चाहिए।
और कुछ भी तो हमको तम्मना नहीं
सांस लेने को थोड़ी हवा चाहिए।
हाल -ए -दिल आ के पूछे हमारा जो खुद
ऐसा भी एक कोई खुदा चाहिए।
अपनों बेगानों से अब तो दिल भर गया
एक इंसान इंसान सा चाहिए।
देख कर जिसको मिट जाएं दुनिया के ग़म
कोई मासूम सी वो अदा चाहिए।
जब कभी पास जाने लगे प्यार से
बस तभी कह दिया फ़ासिला चाहिए।
ज़िंदगी से नहीं और कुछ मांगना
दोस्त "तनहा" हमें आपसा चाहिए।
देख कर जिसको मिट जाएं दुनिया के ग़म
कोई मासूम सी वो अदा चाहिए।
जब कभी पास जाने लगे प्यार से
बस तभी कह दिया फ़ासिला चाहिए।
ज़िंदगी से नहीं और कुछ मांगना
दोस्त "तनहा" हमें आपसा चाहिए।
1 टिप्पणी:
बहुत खूब wahh
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