खुशियों के मोती ( कविता ) डॉ लोक सेतिया
हम करते रहते हैंतलाश जीवन भर
खुशियों को।
कभी कभी
पल भर को आती हैं
जीवन में।
कुछ खुशियाँ
फिर खो जाती हैं
जाने कहाँ वो।
रह नहीं पाती
सदा के लिए
किसी के पास भी
खुशियाँ।
करें किसी दिन
हम ऐसा
दें सहारा
किसी अजनबी को
बिना किसी स्वार्थ के करें
दूर किसी और की
कोई परेशानी।
मिलेगी तब हमें
जीवन की
वास्तविक ख़ुशी
जो ख़त्म नहीं होगी
पल भर में।
बहाए अपने दुःख दर्द में
उम्र भर आंसू
व्यर्थ गए
सूख गए पानी की तरह।
कभी देखें बहा कर
आंसू औरों के दुःख में
बन जाएंगे सच्चे मोती
आंसू हमारे उस दिन।
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