अगस्त 05, 2012

खुशियों के मोती ( कविता ) डॉ लोक सेतिया

 खुशियों के मोती  ( कविता )   डॉ लोक सेतिया

हम करते रहते हैं
तलाश जीवन भर
खुशियों को ।

कभी कभी
पल भर को आती हैं
जीवन में ।

कुछ खुशियाँ
फिर खो जाती हैं
जाने कहाँ वो ।

रह नहीं पाती
सदा के लिए
किसी के पास भी
खुशियाँ ।

करें किसी दिन
हम ऐसा   
दें सहारा
किसी अजनबी को
बिना किसी स्वार्थ के करें
दूर किसी और की
कोई परेशानी ।

मिलेगी तब हमें
जीवन की
वास्तविक ख़ुशी
जो ख़त्म नहीं होगी
पल भर में । 

बहाए अपने दुःख दर्द में
उम्र भर आंसू
व्यर्थ गए
सूख गए पानी की तरह ।

कभी देखें बहा कर
आंसू औरों के दुःख में
बन जाएंगे  सच्चे मोती
आंसू हमारे उस दिन । 
 

 

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