पूछा उन्हें जाना किधर चाहते हैं ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"
पूछा उन्हें जाना किधर चाहते हैंकहने लगे बनना खबर चाहते हैं ।
जिस आशियां को बेच डाला कभी था
अब फिर वही प्यारा सा घर चाहते हैं ।
इस शहर की करते शिकायत सभी से
आ कर यहीं रहना मगर चाहते हैं ।
कुछ भी नहीं चाहा किसी से कभी भी
बस धूप में कोई शजर चाहते हैं ।
मांगें जो मिल जाये वही ज़िंदगी से
सब लोग कुछ ऐसा हुनर चाहते हैं ।
खोना पड़ेगा आपको कुछ तो पहले
पाना यहां सब कुछ अगर चाहते हैं ।
मिलते ही जैसे पा लिया था सभी कुछ
"तनहा" वही पहला असर चाहते हैं ।
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