सितंबर 16, 2012

पूछा उन्हें जाना किधर चाहते हैं ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

पूछा उन्हें जाना किधर चाहते हैं ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

पूछा उन्हें जाना किधर चाहते हैं
कहने लगे बनना खबर चाहते हैं।

जिस आशियां को बेच डाला कभी था
अब फिर वही प्यारा सा घर चाहते हैं।

इस शहर की करते शिकायत सभी से
आ कर यहीं रहना मगर चाहते हैं।

कुछ भी नहीं चाहा किसी से कभी भी
बस धूप  में कोई शजर चाहते हैं।      

मांगें जो मिल जाये वही ज़िंदगी से
सब लोग कुछ ऐसा हुनर चाहते हैं।

खोना पड़ेगा आपको कुछ तो पहले
पाना यहां सब कुछ अगर चाहते हैं।

मिलते ही जैसे पा लिया था सभी कुछ
"तनहा" वही पहला असर चाहते हैं।

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