किया था वादा तुमने कृष्ण ( कविता ) डॉ लोक सेतिया
धरती पर बढ़ जाता है
जब अधर्म उसका अंत करने को
लेते हो तुम जन्म
गीता में कहा था तुमने
हे कृष्ण।
आज हमें हर तरफ
आ रहे हैं नज़र
कितने ही कंस हैं
तुम्हारी जन्म भूमि पर।
हम हर वर्ष मनाते हैं
जन्माष्टमी का त्यौहार
रख कर दिल में उम्मीद
कि आओगे तुम
निभाने अपना वादा
कर दोगे अंत इन सब का।
क्या भूल गये
अपना किया वादा तुम
अच्छा होता
न करते तुम ऐसा वादा।
दिया होता गीता में
सब को ये सन्देश
कि हम सब को
स्वयं बनना होगा कृष्ण।
पाप और अधर्म का
अंत करने के लिये
तब शायद न ले पाते
नित नये नये कंस जन्म
इस धरती पर हे कृष्ण।
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