नवंबर 02, 2012

POST : 213 ज़िंदगी का सफर हसीन बनाएं ( कविता ) डॉ लोक सेतिया

 ज़िंदगी का सफर हसीन बनाएं  ( कविता ) डॉ लोक सेतिया

बीती बातों को भूल जाएं , खुशियों को घर पर बुलाएं 
दोस्त अगर हैं रूठे हमसे , चलो उनको जाकर मनाएं । 

दुश्मनी कब तक करते रहेंगे , गले मिलें रिश्ता निभाएं 
कुछ तो प्यार की रहे निशानी , हुई सभी से हैं खताएं । 

साल महीना सब बदलते हैं , बदलें हम भी नई अदाएं 
मौसम करता बहार की बातें ,  फूल रंग बिरंगे खिलाएं । 

कब तक अकेले तन्हा रहेंगे , इक महफ़िल अपनी सजाएं 
आपस में सभी से मुहब्बत कर , ज़िंदगी बड़ी हसीन बनाएं ।  
 
छोड़ सब तकरार की बातें , करनी है बस प्यार की बातें 
भूल गए बचपन की कहानी , गीत मधुर मिलके सब गाएं ।  





1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

सुंदर भावना लिए पंक्तियाँ👍👌