किया है ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया
उसने कहा तुमने भी कभी प्यार किया है
कहा मैंने इक बार नहीं हर बार किया है ।
पूछा उसने क्या दिल का ऐतबार किया है
दिल का क्या इकरार कभी इनकार किया है ।
बताओ ज़रा मुहब्बत में क्या यार किया है
जाने दो ये सब कुछ किया बेकार किया है ।
क्या इश्क़ में किसी का इंतज़ार किया है
यही उम्र भर को और लगातार किया है ।
आसां तो नहीं हर किसी पर यकीं करना
हमने तो हमेशा सब कुछ दुश्वार किया है ।
तुमने कभी खुदाओं की ईबादत भी की है
हमने इंसानों से मुहब्बत की प्यार किया है ।
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Waahh
Waahh
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