अगस्त 18, 2025

POST : 1999 कुछ कुत्तों की मौज कुछ को सज़ा ( व्यंग्य - कथा ) डॉ लोक सेतिया

 कुछ कुत्तों की मौज कुछ को सज़ा ( व्यंग्य - कथा ) डॉ लोक सेतिया  

 कुत्तों का महत्व सभी जानते हैं लेकिन पहली बार कुत्तों का वर्गीकरण करने की आवश्यकता प्रतीत होती है किस को आवारा किस को प्रशिक्षित पालतू श्रेणी में गिनती की जाए , अदालत को आंकड़ों से सरोकार है । क्या कुत्तों को समानता का अधिकार हासिल होना लाज़मी है या उनसे भी भेदभाव किया जा सकता है । अमीर का कुत्ता टॉमी कहलाता है गरीब का कालू क्या यहां भी ऊंच नीच की बात है । वफ़ादारी का अर्थ ये तो नहीं होना चाहिए , सबसे खेदजनक बात है उनकी तुलना उस बिक चुके मीडिया चैनलों से होने लगी है जो तलवे चाटने में कुत्तों से आगे निकल चुके हैं , कुत्तों ने कभी अपना ईमान नहीं बेचा । कुत्तों को बेचना खरीदना बंद होना चाहिए कुत्ते कोई निर्जीव वस्तु नहीं हैं उनकी भावनाएं आहत हुई हैं हालात देख कर । 
 

मामला बेहद संवेनशील और गंभीर है संसद सड़क अदालत तक आवाज़ सुनाई देने लगी है , कुतिया अपनी शान पर इतराने लगी कुत्तों की बरात झूमने गाने लगी है । गधों की ढेंचू ढेंचू से प्रभावित होकर गधों की सुरक्षा का कानून कभी का बनाया जा चुका है अब कुत्तों की बारी है , जगह जगह टीवी चैनल से सोशल मीडिया तक बहस जारी है । अपनी जान सभी को लगती प्यारी है कुत्तों की सत्ता से भी यारी है अपने प्रतिनिधि से मिल कर मांगपत्र देने की तैयारी है । कुत्तों की अपनी पहचान है कुत्तों से राजनीति ने सबक सीखा है भौंकना डराना तलवे चाटना दुम दबाकर भागना क्या क्या नहीं समझा जान है तो जहान है । कुत्तों को विश्वास है आदमी की क्या औकात है उसकी खातिर कानूनी लड़ाई लड़ते हैं कुत्ते भला कभी अदालत से कानून से डरते हैं । किसी लेखक ने अपनी किताब छपवाई थी मुझको कुत्ते ने पाल रखा है , आपने भी सिक्का उछाल रखा है । गली के आवारा कुत्ते बेमौत मरते हैं उनको बचाना ज़रूरी है । सभी नेताओं अधिकारियों व्यौपारियों को कुत्तों को गोद लेने पर पदोन्नति पुरुस्कार पदक वितरित करना कारगर साबित हो सकता है । अपनी पसंद का चयन कर सकते हैं और जितने चाहें जहां चाहें रख सकते हैं , पालतू बनते ही कुत्ते आदमी को क्या से क्या बना देते हैं गधे से आदमी आदमी से जोरू के गुलाम से बड़ा बना देते हैं । आपको इक कथा सुनाते हैं । 
 
दुनिया बनाने वाले से सभी जीव जंतु अपनी अपनी शिकायत रखने लगे थे , विधाता ने समझाया सभी को इक न इक जन्म में जानवर पंछी कितना कुछ बनना होता है चौरासी लाख योनियां हैं कुत्ते की बारी आई तो रहस्य खुला कि अगले जन्म में भौंकने वाले निरंतर भौंकने वाले को बेहद शानदार जीवन मिलता है । कुछ भी नहीं करना आदमी का जन्म मिलते ही पिछले जन्म का तजुर्बा आज़माना है बेमकसद बकना भौंकना है बस बिना कारण भौंकते जाना है । आपका गुणगान महिमामंडन आपकी चर्चा दुनिया में बस आप ही आप सभी के माई बाप समझे जाएंगे , लोग रोएंगे चिल्लाएंगे आपको नज़र नहीं आएंगे आप सब सर पर ताज़ पहन अपनी डफली अपना राग सुनाएंगे । बड़े ही सलीके से सभी को बोटी बोटी चबाकर खाते जाएंगे दुनिया को आपके हुनर बहुत भाएंगे आपको विदेशी शासक खाने पर बुलाएंगे जंग का सामान बेचेंगे शांतिपाठ पढ़ाएंगे आप सब समझ जाएंगे , सबसे बढ़िया भौंकने वाले को नॉबल पुरुस्कार मिलना चाहिए दुनिया को बताएंगे ।  
 
किसी कवि की हास्य कविता है , कुत्तों से मुझको प्यार है , किसी का नहीं ऐतबार है बस उसको कुत्ता मत कहना वर्ना होती तकरार है । कुत्तों की अपनी मंडी है इंसान की कीमत कुछ नहीं किस बात का घमंडी है । कुत्ते कितने प्यारे हैं मालकिन को अपने पति से लगते दुलारे हैं हमने भी देखा है कुत्ते और पति झगड़े आमने सामने कुत्ते जीते पति बाज़ी हारे हैं । कुत्तों की कथा का अंत इसी गीत से करते हैं जो लोग उनको मनवांछित वरदान कुत्ते देते हैं ।  
 
 बाप रे! कुत्ते से प्यार कर बैठी Bihar की ये लड़की, करती है महीने का लाखों  खर्च!

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