दिसंबर 09, 2023

प्रलोभन बगैर सब बेकार ( वादों का क्या ) डॉ लोक सेतिया

   प्रलोभन बगैर सब बेकार ( वादों का क्या ) डॉ लोक सेतिया 

बात को विराम देने से बात ख़त्म नहीं होती है भगवान ने पत्नी को इस बार मना लिया पर चिंता मन से मिटी नहीं और अगली सुबह सभी देवी देवताओं की आपत्कालीन सभा बुलाई समस्या को समझने और उसका स्थाई समाधान ढूंढने की ख़ातिर । विषय गंभीर था तब भी हर देवी देवता खुद अपने और अपने कुछ भक्तों से निकल कर कुछ विचार करने सोचने समझने को तैयार नहीं हुए । आखिर सब ने मिलकर इक बात पर सहमति प्रदान की कि जिन महान विचारकों संतजनों एवं बुद्धिजीवी लेखन कार्य में निपुण को मरने उपरान्त ईश्वरीय लोक में जगह दी गई थी उन्हीं से ये बेहद महत्वपूर्ण कार्य करने में सहायता सहयोग लिया जाए । सभी को सभागार में आदर सहित आमंत्रित किया गया । उन सभी ने भगवान देवी देवताओं की समस्या जानकर अपने अपने विचार प्रकट किए । सार्थक बात निकल कर आई कि भगवान और देवी देवताओं ने खुद को अन्य सभी से अधिक शक्तिशाली और महान व ऊंचा साबित करने को अलग अलग कथाएं प्रचलित करवाई हैं ।  उन सभी को शामिल कर केवल एक कथासागर की रचना कर हर देवी देवता को उचित स्थान देने को सभी का इक किरदार दिखाई देना चाहिए बिल्कुल किसी उपन्यास की तरह । बड़ा छोटा , अच्छा बुरा नहीं सिर्फ वास्तविक चरित्र हो जिस पर अडिग होकर खरा साबित होना ज़रूरी हो , कभी कभी कहानी कथा में सब से लोकप्रिय ख़लनायक भी हो जाते हैं । बैठक में तय किया गया उन सभी लिखने विचारवान लोगों को आपस में संवाद कर कोई दस्तावेज़ रूपरेखा बना प्रस्तुत करना उचित होगा उस पर चिंतन कर भगवान भविष्य की योजना का निर्णय करेंगे । 

अगली सभा में वरिष्ठ बुद्धिजीवी प्रस्तावित लेख पढ़ कर सुना रहे हैं । भगवान और देवी देवताओं को आशा है इस की खबर पहले से होगी कि धरती पर तमाम लोगों ने कितने की मनुष्यों को भगवान जैसा नहीं अपितु भगवान से ऊंचा सबसे बड़ा पद दिया हुआ है । ऐसे सभी मनुष्य वास्तव में अपने चाहने वालों को अपने श्रद्धालुओं भक्तजनों को कुछ भी देते नहीं दे सकते भी नहीं लेकिन सबको सभी देने की बात पूर्ण आत्मविश्वास से करते हैं । उनकी शरण में आने से उनको अपना भगवान मानने से कुछ भी असंभव नहीं रहता ऐसा भरोसा किया जाता है । भगवान आपने  सभी कुछ दिया है लेकिन हर कोई जितना ईश्वर ने दिया उस को पाकर खुश नहीं है कुछ आपने भी बंदरबांट की है क़ाबिल लोगों को कम और नाक़ाबिल चोर लुटेरों को झोली भर भर कर दिया है । दुनिया में सबसे अधिक संचय जमाखोरी भगवान आपके नाम पर चल रही है आपको इस की खबर तक नहीं कि आपके दरवाज़े से लोग सब मांगने आये होते हैं मगर होता उलटा है जो पास होता वो भी लुटवा बैठते हैं प्रलोभनों के जाल में फंसकर । हम सभी अलग अलग विधाओं के जानकर हैं लेकिन आप सभी देवी देवताओं की सम्मूहिक कथा हम से लिखवाना संभव नहीं होगा । आजकल टीवी चैनल वाले कुछ सिनेमा वाले आपस में तालमेल बिठाकर यही कार्य बड़ी निपुणिता से कर रहे हैं और वो सभी जिस किसी से उनको अपने कार्य का भरपूर मूल्य मिल जाए उसी को भगवान घोषित ही नहीं साबित भी कर सकते हैं । भगवान ने मन ही मन निर्णय ले लिया है और ऐसे सभी लोगों के नामों की सूची बनाकर मौत के दूत को उनको लाने को कहना उचित समझा है । मालूम नहीं किस किस का बुलावा कब आता है सबकी बारी इक दिन आनी तो है । 



 
 

1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

सार्थक लेख....👌👍बढ़िया तंज़ हैं