साक्षात अवतार से साक्षात्कार ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया
हे आजकल के कलयुगी अवतार , करती हूं आपको नमस्कार बार बार , मैं डूबती नैया आप मेरे खेवनहार आप हैं सभी कुछ और मैं आपका मनमोहक सुंदर लुभावना इश्तिहार । टीवी पर भरी सभा में मंच पर माइक से ये शब्द सुन सभी ताली बजा रहे थे और जानेजां मुस्कुरा रहे थे । दोनों समय से अनजान अवसर की गरिमा से बेपरवाह सब कुछ भुला कर मन ही मन युगल गीत गुनगुना रहे थे । यही आलम होता है आशिक़ जागते हैं सारा जग सोता है कुछ कुछ होता है । सभा चलती रही उनको नहीं खबर कौन क्या पढ़ता रहा कौन आता जाता रहा उनकी धड़कनों में चुपके चुपके कोई समाता रहा । खूबसूरत अदाओं अभिनय की नायिका टीवी एंकर सबको समझा गई बन के फूल इक कली मुस्कुराई , देखो आई मिलन की बेला देखो आई । धीरे धीरे करीब आते गए दुनिया को भुलाते गए इक दूजे में समाते गए । आज छाई हुई बहार है जिया बेकरार है उनके आने का इंतज़ार है टीवी चैनल पर होनी रिमझिम रिमझिम सी बौछार है , बैठी सज धज के गोरी तैयार है लेना उनका साक्षात्कार है । औपचरिकता है स्वागत करते फूलमाला पहनाते हैं पर कभी कभी अरमान मचलने लगते हैं हालात महकने लगते हैं ।
कभी कभी साक्षत्कार लेने वाला खुद अनजाने में खरी बात बोल जाता है बाद में भूल सुधार करने को मेरा मतलब वो नहीं था कहकर जान बचाता है । कह बैठी आप तो झूठ के पहले अवतार कहलाते हैं सच वाले आपसे घबराते हैं धीरे धीरे बिकने चले आते हैं आप सभी का दोगुना दाम चुकाते हैं गुर्राने वाले चुपचाप आपके तलवे चाटते हैं दुम हिलाते हैं । क्षमा करें गलती से झूठ के पहले अवतार बोल गई सच ये मतलब नहीं है वास्तविकता है सच वही जो आपको भाता है झूठ से नहीं कोई नाता है इस युग में सच ज़िंदा नहीं है झूठ ही सच से बड़ा कहलाता है गोरे और काले दो भाई जैसा नाता है । जवाब दिया जनाब ने झूठ कैसा सच कैसा ये कौन सोचता जब मिलता है पैसा । अगला सवाल कोई आपसे अच्छा कभी नहीं हो सकता आपका मुकाबला किसी से नहीं मगर आपको दुनिया में कौन सबसे अधिक पसंद है जो आपसे कुछ कम अच्छा लगता है शायद । दिखिए मुझ जैसा बनने की कोशिश करना कौन नहीं चाहेगा लेकिन मेरी तरह सफलता सभी को मिल नहीं सकती है अपने कभी इक चॉकलेट का विज्ञापन देखा है इक युवक जब भी कोई उसे कुछ करने को कहता है कुछ भी नहीं करता जिस का परिणाम कोई अनहोनी घटना होने से बच जाते हैं । अच्छा हुआ आपने नहीं किया सभी आभार प्रकट करते हैं , कंपनी कहना चाहती है जो कुछ नहीं करते बड़ा कमाल करते हैं । मैंने कमाल कर दिखाया है दुनिया बच गई मेरे कुछ नहीं करने से । अभी इक मुर्दा खुद ज़िंदा हो गया जब उस विज्ञापन में चॉकलेट खाने वाले ने फ़ोन की घंटी बजती रहने दी उठाया नहीं ये कमाल हर कोई नहीं दिखला सकता है ।
आपकी आधुनिक सोच सब को भाई है आप कोई संदेश दर्शकों को देना चाहते हैं तो बताएं । उनका जवाब था मैंने जीवन भर कुछ भी नहीं किया सिर्फ यही देखता रहा कि दुनिया में जाने कब से कितने लोगों ने कितना कुछ किया है मगर तब भी हर किसी को यही लगता है जो हमने किया किसी से नहीं हो सकता था । हमेशा हर युग हर काल में सभी अपने कार्य को महत्वपूर्ण समझते हैं पिछले सभी का उल्लेख कोई नहीं करता है । मैंने सभी को हमेशा यही बतलाया कि मुझसे पहले कुछ भी नहीं किया गया था जो भी हुआ सब गलत ही हुआ है अतीत में । अधिकांश लोग मेरी बात से सहमत होकर मेरी जयजयकार करने लगे जिस से मेरी कही झूठी बात भी सच बनती गई । कुछ भी नहीं करना और जो भी हुआ उस का श्रेय लेना हर क़ामयाबी का सेहरा अपने सर और नाकामी का इल्ज़ाम किसी और पर मेरा गुरु-मंत्र है । टीवी चैनल पर हर खबर के साथ साथ इक आवश्यक सूचना की तरह विज्ञापन दिखा रहे हैं अमुक समय अमुक दिन साक्षात अवतार से साक्षात्कार प्रसारित होगा देखना मत भूलें केवल इसी चैनल पर ।
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