दिसंबर 08, 2023

जो वादा किया निभाना पड़ेगा ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया

   जो वादा किया निभाना पड़ेगा ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया

भगवान जी के विशेष कक्ष में देवी देवता तो क्या उनकी अर्द्धांगिनी तक को प्रवेश की अनुमति नहीं थी  , अब पत्नी आखिर पत्नी होती है चाहे भगवान की ही क्यों नहीं हो । धरती से कुछ ख़ास महत्वपूर्ण समाचार लाने वाले को निकलते देखा तो भगवान की पत्नी ने सवाल करना उचित समझा कि बड़े खुश दिखाई दे रहे हैं कोई अच्छी खबर लाए हैं तो छुपाने की आवश्यकता नहीं बताएं ।  दूत क्षमा याचना करते कहने लगा आपने बिल्कुल ठीक जाना है  , लेकिन वह बता नहीं सकते उनको गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी सिर्फ भगवान से ही संवाद करना अनिवार्य है । संयोग से भगवान निवास पर आये तो बेहद खुश थे और पत्नी ने कहा मुझे आज इक बात पूछनी है क्या सच सच बताएंगे मेरे सवाल का जवाब बिना कोई बहाना बनाए । ख़ुशी में बोले भगवान आज मेरा मूड शानदार है वादा किया जो चाहो पूछ सकती हो आज । पत्नी ने पूछा आज धरती से क्या अच्छी खबर लाए हैं दूत जिस से आपको बेहद ख़ुशी प्राप्त हुई लगती है । भगवान ने बताया कई साल बाद फिर किसी ने मेरी कथा को अपने ढंग से लिखवाया और सार्वजनिक मंच पर पेश करने की तयारी की जा रही है । पत्नी ने कहा मेरे मन में इस विषय पर हमेशा कितने सवालात रहे हैं लेकिन कभी अनुमति नहीं थी चर्चा करते उस पर मगर आज जब आपने खुद अधिकार दिया है तो फिर इस पहेली को मुझे समझा भी दीजिए । भगवान जो सब जानते हैं नहीं जान सके थे कि सवाल कठिन और उलझे हुए ही नहीं बल्कि इक इक सवाल अपने भीतर अनगिनत सवाल समेटे हुए है । उन्होंने कहा आपको पूर्णतया संतुष्ट किया जाएगा आपके मन में जितने भी अंतर्द्वंद उभर रहे हैं उनका निवारण किया जाना अनिवार्य है । 

भगवान की अनुमति मिलते उनकी पत्नी ने कहना शुरू किया , ठीक से मेरे सवाल सुनकर समझ कर तब जवाब देना मुझे ये अवसर शायद फिर नहीं मिलेगा । भगवान ने खामोश रहना उचित समझा और सिर्फ इशारे से समझाया आपको बारी है सब संशय मिटाने को खुलकर बताओ मुझे सुनना है चुपचाप जैसे दुनिया का हर पति अपना फ़र्ज़ समझता है । पत्नी कहने लगी आपकी कथाओं को लेकर कितनी बार अजीब अजीब तथ्य सामने आते रहते हैं तर्क की कसौटी पर विश्वसनीय नहीं लगते हैं तब भी आपकी माया है सोच कर बिना सोचे सभी यकीन कर लेते हैं । लेकिन जो भी चाहे आपकी कथा को जैसे तोड़ मरोड़ कर बदलकर प्रस्तुत करे ये बात समझ नहीं आती कि उनको ऐसा अधिकार कौन देता है । मैंने तो यहां कितने धरती से इस लोक में आये इंसानों को इस कारण चिंतित देखा है कि उनकी मौलिक रचनाओं को लोग ठीक से उच्चारित नहीं करते । किसी शायर की ग़ज़ल का शेर या कविता पढ़ते समय शब्द बदल देते हैं । कोई गायक गायिका अपने मधुर स्वर में गाने की रॉयल्टी को लेकर चर्चा कर रहे थे मौत के पचास साल बाद तक उपयोग करने वाले को कीमत चुकानी पड़ती है । आप तो अजर अमर हैं लेकिन आज तक आपको अपनी कथाओं की आमदनी से कितनी रॉयल्टी या हिस्सा मिला कोई नहीं जानता कि उस का हिसाब किताब कौन देखता है । 

भगवान ने कभी इस तरह सोचा ही नहीं था इसलिए बोले छोड़ो इन सब व्यर्थ की बातों से क्या हासिल और हमको भला क्या चाहत कुछ पाने की । उनकी पत्नी ने कहा ठीक है ये विषय छोड़ देते हैं लेकिन इतना तो विचार किया जाना चाहिए दुनिया कितनी आगे बढ़ चुकी है मगर आपकी कथाओं में लगता है जैसे कोई बहता हुआ दरिया नहीं रुका हुआ पानी है जिस का उपयोग करना हितकारी नहीं है । समझदार कहते हैं वक़्त के साथ साथ बदलना ज़रूरी है अन्यथा पुरातन भवन खंडहर बनकर रह जाते हैं । आपको कथाओं का घोषित लोक आधुनिक काल के संदर्भ में शायद ही किसी को लुभाता होगा । कभी खुद धरती पर जाओगे तब संभव है हैरान ही हो जाओ देख कर कि आपसे अधिक कितना कुछ इंसान ने बना लिया है जैसा आपकी किसी कथा को लिखने वाले ने कल्पना भी नहीं की थी । आपकी कथाओं से दुनिया को क्या हासिल हुआ मुझे नहीं मालूम लेकिन उनको पढ़ना समझना छोड़ इंसान ने जो खुद किया है लगता नहीं आपको कभी ख़्याल भी आया होगा वो सब होने का । भगवान को लगा इस बात को यहीं विराम देना ज़रूरी है क्योंकि अब उनको दिखाई देने लगा था पत्नी दुनिया की आधुनिक वास्तविकता और बदलती तस्वीर को लेकर क्या क्या नहीं बोलने वाली हैं । लोकतंत्र से लेकर महिलाओं के अधिकार तक की जानकारी रखती हैं और समय आने पर दुनिया और संसार की बागडोर संभालने को तत्पर हैं । आखिर भगवान को भी अपनी पत्नी के सामने अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी और बचने को वही ढंग अपनाना पड़ा बात को बदल कर बोले आपकी बातों में महत्वपूर्ण बात बताना भूल गया आपके लिए सुंदर परिधान और आभूषण और उपहार मंगवाए हैं चलो पहले उन को देख लें फिर ये सब चर्चा कभी भी की जा सकती है । पत्नी की बात का जवाब देते नहीं बनता हो तब यही उपाय सभी करते हैं । 
 

               ( अगला अध्याय अर्थात अगली पोस्ट सबसे महत्वपूर्ण है 

                  उस को पढ़ने से मोक्ष जैसा फल पाया जा सकता है )






 

कोई टिप्पणी नहीं: