कहने को तो बयान लगते हैं ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया
कहने को तो बयान लगते हैं
खाली लेकिन म्यान लगते हैं ।
वोट जिनको समझ रहे हैं आप
आदमी बेजुबान लगते हैं ।
हैं वो लाशें निगाह बानों की
आपको पायदान लगते हैं ।
ख़ुदकुशी करके जो शहीद हुए
देश के वो किसान लगते हैं ।
लोग आजिज़ हैं इस कदर लेकिन
बेखबर साहिबान लगते हैं ।
1 टिप्पणी:
बढ़िया ग़ज़ल👌👍
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