अप्रैल 18, 2023

कहने को तो बयान लगते हैं ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

कहने को तो बयान लगते हैं ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

कहने को तो बयान लगते हैं
खाली लेकिन म्यान लगते हैं ।

वोट जिनको समझ रहे हैं आप
आदमी बेजुबान लगते हैं ।

हैं वो लाशें निगाह बानों की
आपको पायदान लगते हैं ।

ख़ुदकुशी करके जो शहीद हुए
देश के वो किसान लगते हैं ।

लोग आजिज़ हैं इस कदर लेकिन
बेखबर साहिबान लगते हैं ।



 

1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

बढ़िया ग़ज़ल👌👍