बेदिली से दुआ की है ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया
बेदिली से दुआ की है
तुमने भारी खता की है ।
मारकर यूं ज़मीर अपना
खुद से तुमने जफ़ा की है ।
बढ़ गया है मरज़ कुछ और
ये भी कैसी दवा की है ।
तुम सज़ा दो गुनाहों की
हमने ये इल्तिज़ा की है ।
बिक गये चन्द सिक्कों में
बात शर्मो-हया की है ।
1 टिप्पणी:
...बात शर्मो हया की है👌👌
एक टिप्पणी भेजें