दिसंबर 30, 2012

प्यार की बात मुझसे वो करने लगा ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

        प्यार की बात मुझसे वो करने लगा ( ग़ज़ल ) 

                          डॉ लोक सेतिया "तनहा"

प्यार की बात मुझसे वो करने लगा
दिल मेरा क्यों न जाने था डरने लगा ।

मिल के हमने बनाया था इक आशियां
है वही तिनका तिनका बिखरने लगा ।

दीनो-दुनिया को भूला वही प्यार में
जब किसी का मुकद्दर संवरने लगा ।

दर्दमंदों की सुन कर के चीखो पुकार
है फ़रिश्ता ज़मीं पे उतरने लगा ।

जो कफ़स छोड़ उड़ने को बेताब था
पर सय्याद उसी के कतरने लगा ।

था जो अपना वो बेगाना लगने लगा
जब मुखौटा था उसका उतरने लगा ।

उम्र भर साथ देने की खाई कसम
खुद ही "तनहा" मगर अब मुकरने लगा ।  
 

 

कोई टिप्पणी नहीं: