देशसेवा का खेल देखिए ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया ' तनहा '
देशसेवा का खेल देखिए
राजनेता बे-मेल देखिए ।
कौन खोटा है कौन है खरा
बिक रहे सब ही सेल देखिए ।
खून पीकर सरकार चल रही
क्या सियासत का तेल देखिए ।
जुर्म साबित होंगे नहीं कभी
होगी कैसे फिर जेल देखिए ।
बदनसीबी तकदीर देश की
हो गए ' तनहा ' फेल देखिए ।
1 टिप्पणी:
वाह बहुत खूब
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