सितंबर 08, 2025

POST : 2011 कुछ अलग - अलग अशआर ( संकलन ) डॉ लोक सेतिया ' तनहा '

कुछ अलग - अलग अशआर (  संकलन  ) डॉ लोक सेतिया ' तनहा ' 

 1 

वक़्त ज़ालिम है , हर फूल मसल देगा 

क्या हुआ क्या कहा , बात बदल देगा । 

 

ज़िंदगी को गले , आज लगा लो सब 

क्या भरोसा इजाज़त फिर कल देगा । 

 2 

दर्द सीने में पिरोते रहे  

अश्क़ से दामन भिगोते रहे । 

 

चांद खिड़की से बहुत दूर था  

कितने तारे , ख़ाक होते रहे ।  

 महफ़िल ए सुख़न | Saharanpur

 

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