जून 03, 2025

POST : 1979 ख़तरनाक हैं ख़िलौने ( हास- परिहास ) डॉ लोक सेतिया

     ख़तरनाक हैं ख़िलौने ( हास- परिहास ) डॉ लोक सेतिया  

यही गलती विधाता से हुई थी इंसान रुपी खिलौने बनाये थे अपनी दुनिया को सजाने को , उसी आदमी ने भगवान की बनाई खूबसूरत दुनिया का क्या हाल किया है । जिस दिन से इंसान ने ईश्वर को चुनौती देना शुरू किया तभी से भगवान इक सामान बन गया और इंसान भगवान का भी भगवान बन गया । खिलौने बनाने की शुरुआत दोनों ने मिट्टी से ही की आदमी खिलौना था भगवान भी खिलौना बन गया है , अंजाम मिट्टी का मिट्टी होना है । आपको लग रहा होगा क्या दकियानूसी बात कर रहा हूं , नहीं बड़ी महत्वपूर्ण बात है और आज इस से ज़रूरी कुछ भी नहीं है । दुनिया में जंग का आलम है ऐसे में किसी ने अजब ग़ज़ब ढाया है खिलौनों का बाज़ार हर तरफ छाया है । ड्रोन जिसे हमने इक खिलौना समझा था उस ने अपना परचम लहराया है ।  ड्रोन कितने का बनता है , फाइटर प्लैन कितने का कौन बड़ा कौन छोटा है परिभाषा उपयोगिकता से समझ आती है कुछ लाख से बना इक खिलौना हज़ारों करोड़ खर्च कर बनाये लड़ाकू विमान और बंबों की वर्षा करने वाले जेट विमानों को ध्वस्त कर सकता है । हम चांद छूने की ख़्वाहिश पूरी भले कर ली हो लेकिन अभी तक खुद सैनिक लड़ाकू विमानों का इंजन नहीं बना पाये सभी कलपुर्ज़े विदेश से मंगवा कर देश में जोड़ने को ही कहा हम आत्मनिर्भर हो गए हैं और जब आवश्यकता पड़ी तो उनके तरफ देखने लगे जिन से महंगे विमान खरीदे थे मंगवाए थे लेकिन तकनीकी जानकारी बकाया थी ' उधार की खाई आगे कुंवा पीछे खाई ' कहावत याद आई ।
 
हमने भी देश में समाज में कुछ कीमती सामान बनाये हैं , लोकतंत्र कितनी महंगी कीमत चुकाकर लाये हैं । संसद विधानसभा संविधान न्यायपालिका बड़े कीमती गहने हैं कितना मोल चुकाया है जनतंत्र की चादर पर दाग़ ही दाग़ हैं खोकर आज़ादी पछताए हैं । इतने ऊंचे भव्यतापूर्ण संस्थानों का भी हुआ यही हाल है लूट भ्र्ष्टाचार की राजनीति से लोकतंत्र घायल और बेहाल है , सांसद विधायक मंत्री प्रशासन न्यायपालिका सुरक्षा व्यवस्था तक असली कुछ भी नहीं बचा है सभी नकली मिलावटी माल है ।  राजनेताओं से प्रशासनिक सरकारी अधिकारियों विभागों का बुना हुआ ऐसा जाल है जिस में ख़ास लोगों की मौज है साधारण जनता बेबस और बदहाल है । सत्ता के चेहरे पर नज़र आती जो लालिमा है भूखी नंगी जनता की खून पसीने की गाड़ी कमाई है लूटी है सत्ता की बेहयाई है । सियासत से लेकर रणनीति कूटनीति सभी को खेल तमाशा बना दिया है , इतना बहुत है आज ख़ामोश रहना निज़ाम की चाहत है वर्ना मुसीबत है । 
 
एक मुसाफ़िर एक हसीना फिल्म का गीत है रफ़ी जी की आवाज़ है शायर हैं रिज़वी जी  : -
 
हमको तुम्हारे इश्क़ ने क्या क्या बना दिया 
जब कुछ न बन सके तो तमाशा बना दिया । 
 
काशी से कुछ गरज़ थी न काबे से वास्ता 
हम ढूंढने चले थे मोहब्बत का रास्ता 
 
देखा तुम्हारे दर को तो सर को झुका दिया ।  
 
दिल की लगी ने कर दिया दोनों को बेकरार 
दोहरा के दास्तां ए मोहब्बत फिर एक बार 
 
मजनूं हमें और आपको लैला बना दिया । 
 
निकले तेरी तलाश में और खुद ही खो गए 
कुछ बन पड़ी न हमसे तो दीवाने हो गए 
 
दीवानगी ने फिर तेरा कूचा दिखा दिया । 
 
जलवों की भीख फेंकने वाले की खैर हो 
पर्दा हटाके देखने वाले की खैर हो 
 
बनके भिखारी इश्क़ ने दामन बिछा दिया ।  
 
 
 Indias top 10 formidable weapons - Agni, K-9 Vajra, Rafale... भारत के 10  खतरनाक हथियार जिनके आगे बेबस हो जाएगा पाकिस्तान - Indias top 10 formidable  weapons render Pakistan defenseless with their
 

1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

सामयिक लेख...खिलौने अब हठियार का रूप ले चुके हैं