फ़रवरी 21, 2023

भगवान का व्हाट्सएप्प नंबर ( अद्भुत-अविश्वसनीय ) डॉ लोक सेतिया

  भगवान का व्हाट्सएप्प नंबर ( अद्भुत-अविश्वसनीय ) डॉ लोक सेतिया 

     आखिर ऊपरवाले को सोशल मीडिया अकॉउंट बनवाना ही पड़ा , दुनिया बदल चुकी है साधु संत तक आधुनिक ढंग से पूजा ईबादत आरती से लेकर घर बैठे साक्षात दर्शन धार्मिक स्थल के ऑनलाइन करने करवाने लगे हैं ।  इधर सब नकली बाज़ार में बिकता है भगवान तक असली हैं इसकी पहचान मुश्किल हो गई है । काफी समय पहले मैंने खुद ईश्वर से विनती की थी आधुनिक संचार माध्यम का उपयोग कर अपनी बनाई दुनिया की असलियत वास्तविकता सच्चाई को देखने समझने की । इसलिए कि मुझ जैसे नासमझ लोग रोज़ सुबह फेसबुक मेसेंजर व्हाट्सएप्प पर धर्म की बातें देवी देवताओं की तस्वीरें और चौंकाने वाले आपको विवश करने वाले संदेश पढ़ पढ़ कर घबराने लगे हैं कि यहां सोशल मीडिया वाले भगवान को नाराज़ किया तो कुछ भी हो सकता है । बाक़ी चाहे जो भी हो जाए कोई चिंता नहीं मगर अगर कहीं सोशल मीडिया का अकॉउंट बंद कर दिया उस ने तब कैसे ज़िंदा रह सकते हैं । 
 
     ठीक से जांच परख लिया कि व्हाट्सएप्प पर असली भगवान से वार्तालाप हो रहा है तब जाकर उन से खुल कर अपने मन की बात कहनी पड़ी । मैंने पूछा भगवान दुनिया में करोड़ों करोड़ों लोग आपसे विनती करते हैं उनकी प्रार्थनाएं उनकी फ़रियाद पर जाने क्यों लगता है कि आप सुनवाई ही नहीं करते हैं । भगवान ने जो बताया बिल्कुल सच है इसलिए आपको सभी को उनकी कही बात बतानी आपकी भलाई में आवश्यक है । भगवान ने बताया जब कोई आदमी किसी भी आदमी के पास जाकर अपनी समस्या बताता है या सहायता मांगता है या फिर परेशान होकर हाथ जोड़कर विवशता पूर्वक निवेदन करता है कि आप धनवान बलवान और ताकतवर हैं मगर मैं कमज़ोर बेबस लाचार इंसान हूं कृपया मुझ पर रहम करें मुझे बिना अपराध सज़ा देना छोड़ दें और जीने दें चैन से । लेकिन अहंकार और अपनी दौलत शासकीय अधिकार शारीरिक ताकत के कारण वो उस का दर्द नहीं समझता और मनमानी करता है तब मुझे ऐसे लोगों को ब्लॉकलिस्ट करना पड़ता है । भला ऐसा कैसे संभव है पूछा तो कहने लगे साधारण सी बात है आपको कितने संदेश मिलते हैं लेकिन जिनको चाहते हैं उनको छोड़ बाकी को एक क्लिक से डिलीट कर देते हैं इतना ही नहीं जिनकी बात से आप सहमत नहीं जिनको पसंद नहीं करते उनको नाराज़ होकर ब्लॉक कर देते हैं ।  सोचते तक नहीं आप कौन हैं कोई नेता डॉक्टर या भाई बंधु हैं जिनकी ज़रूरत किसी को पढ़ सकती है कभी भी लेकिन आपकी सुविधा आपकी मनमानी उनको आपसे बात तक नहीं करने देती और वो व्यक्ति निराश बेबस होकर रह जाता है कुछ भी नहीं कर सकता है । विधि का यही विधान है जो दूसरों से जैसा व्यवहार करता है उसको उसकी करनी का वैसा ही फल मिलता है जब कोई मेरे बनाए इंसानों की बात अनसुनी करता है तब उस उस की बात मुझ तक नहीं पहुंचती जैसे आपने टीवी का फोन का म्यूट बटन दबाया होता है तब आवाज़ बंद हो जाती है ।
 
  भगवान से इस विषय का कोई संबंध तो रत्ती भर भी नहीं फिर भी उत्सुकतावश मैंने सवाल किया , भगवान क्या आपके संचालन में भी कोई साइट्स या ऐप्प्स हैं जो कभी ठीक काम नहीं करती कभी रुकावट की बात पर खेद जताती हैं । नहीं मैंने कभी अपने को मशीनों का गुलाम नहीं बनाया है अन्यथा सोचो अगर मैंने हवा पानी सूरज चांद रात दिन को उजाले-अंधेरे को शासकों सरकारों के हवाले कर दिया होता तो जनता को किस किस की क्या कीमत चुकानी पड़ती और कभी किसी कारण सरकारी साइट ऐप्प्स बंद हो जाती हो लोग कुछ ही पलों में बेमौत मर जाते । कभी अमिताभ बच्चन जी ने ब्लॉग पर सूचित किया था कि उनके पास ईश्वर का ईमेल है जिस पर संवाद किया करते हैं मगर उन्होंने बताया नहीं सबको क्योंकि सब उनके बराबर नहीं हो सकते हैं लेकिन मुझे कोई राज़ छुपाकर नहीं रखना है जिस को जब चाहिए मुझसे मिलकर नंबर मांग सकता है । थोड़ी ज़हमत उठानी पड़ती है कुछ पाने को बस इरादा कर कोशिश करने से क्या नहीं मिल सकता है ।  
 
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1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

अच्छा लेख है....मानवता की बात करता