अगस्त 19, 2017

POST : 719 इन बेज़मीर लोगों के किरदार मत लिखो ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया " तनहा "

      इन बेज़मीर लोगों के किरदार मत लिखो ( ग़ज़ल ) 

                         डॉ लोक सेतिया " तनहा "

इन  बेज़मीर लोगों के किरदार मत लिखो 
बेदर्द शासकों को यूं अवतार मत लिखो । 

मारे गये सभी लोग ,  बस ऐतबार कर  
आईन देश का क्यों गया हार मत लिखो । 

सच झूठ ,झूठ सच , आज सब लोग जानते
झूठे बयान देती ये सरकार मत लिखो । 

मत पूछना हुआ क्या वो वादा बहार का
उनके फरेब की बात सौ बार मत लिखो । 

संतान शासकों की , खुली छूट है मिली
उनके गुनाह सब माफ़ , बदकार मत लिखो । 

उनसे सवाल क्या , और उनके जवाब क्या
कब कौन कर रहा क्या व्यौपार मत लिखो । 

सब चोर कह रहे , बन गये हम शरीफ हैं
"तनहा" इसे किसी का इश्तिहार मत लिखो । 
 

 





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