सितंबर 17, 2024

POST : 1890 लव मैरिज की पोलिटिक्स ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया

     लव मैरिज की पोलिटिक्स ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया 

टीवी से लेकर सोशल मीडिया तक हर कोई इसी की चर्चा कर रहा है नेता जी अपने प्रिय कुत्ते का जन्म दिन धूमधाम से मनाने वाले हैं । प्रशासन दिन रात एक कर आयोजन की तैयारी में जुटा हुआ है कोई भी कमी या कोई चूक नहीं होने दी जा सकती बेहद महत्वपूर्ण अवसर है । निमंत्रण पत्र सभी ख़ास वीवीआईपी लोगों को सत्ताधारी राजनेताओं को भिजवाया गया है आग्रह निवेदन विनती की गई है कि सभी अपने पालतू कुत्तों को साथ लेकर ही आएं । कुत्ते को घर पर छोड़ कर कदापि नहीं आना हैं मगर खुद आना संभव नहीं हो तो भी अपने ड्राइवर के साथ गाड़ी में कुत्ते को भिजवाया जा सकता है । जैसे नेता जी ने अपने कुत्ते का बनाव और सजाने संवारने को महानगर से माहिर लोग बुलवाये हैं उस से चर्चा होने लगी है कि शायद नेता जी अपने प्रिय कुत्ते का रिश्ता तलाश कर चुके हैं जिसकी घोषणा हो सकती है । अथवा उनको इस अवसर का उपयोग करना है अपने कुत्ते की पसंद की कुतिया खोजने के लिए क्योंकि अख़बार में और शहर में बैनर पोस्टर लगा कर सभी को बुलावा दिया गया है , आम जनता को नेता जी के कुत्ते का गुणगान करना है और बचा हुआ खाना उनको वितरित किया जाएगा उनको अलग रखने को बैरीकेट्स लगा दिए गए हैं । समारोह स्टेडियम में आयोजित किया जाना है जिसका जन्म दिन है उस कुत्ते पर इक पुस्तिका छपवाई गई है जिसे पढ़कर कोई भी समझ सकता है कि ये किसी अवतार से कम नहीं है । कुत्ते का महत्व उसका जीवन पसंद नापसंद को भी समझाया गया है और नेता जी ने कुत्तों से जो राजनीतिक समझ हासिल की है उसे विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है जो नेता जी द्वारा चुनाव जीतने का सहयोगी रहा है । 

नेता जी ने किसी अन्य व्यक्ति से अधिक भरोसा हमेशा अपने कुत्ते पर किया है पिछली बार जब विधायकों से समर्थन पर सौदेबाज़ी हो रही थी उस बातचीत में कुत्ते की भूमिका अहम थी । नेता जी का कुत्ता सूंघकर इशारे से बता देता कौन वफ़ादार है कौन शक के दायरे में है और नेता जी अपनी रणनीति बनाकर ऐसे लोगों को अपने पाले में लाने को सफल रहे थे । सही मायनों में उनकी सरकार जनता के वोटों या विधायकों के समर्थन से ज़्यादा कुत्ते की सहायता से बनी योजना का परिणाम थी । नेता जी को याद है जब इक दिन अपने दल के प्रधान के घर से उनके तलवे चाट वापिस लौट रहे थे सोचते हुए चिंतित थे कुर्सी मिलेगी या नहीं मिलेगी तभी इक छोटा सा पिल्ला उनके पांवों से लिपट गया था तब नेता जी को उसकी हालत अपने जैसी लगी थी और उसे गोदी में उठाकर चूमने लगे तभी शुभ समाचार मिला था प्रधान जी ने उनकी विनती स्वीकार कर ली थी । नेता जी को एहसास हुआ था उनका कोई जन्म जन्मांतर का रिश्ता है कुत्तों से जैसे और ये उनका निकट संबंधी रहा होगा । नेता जी ने कुत्तों को हमेशा महत्व दिया है कई योजनाएं उनकी खातिर बनाई गई हैं लोग उनके इस लगाव से परिचित हैं राज्य में किसी कुत्ते पर हिंसक करवाई कोई नहीं कर सकता है । 
 
नेता जी के प्रिय कुत्ते का जन्म दिन बड़ी शान से मनाया गया हर महमान से उस के कुत्ते का हाल चाल पूछना ज़रूरी था किसी के कुत्ते को कोई परेशानी हो तो नेता जी हमेशा तैयार हैं कहते थे । इंसानों से अधिक कुत्तों के लिए खाने पीने मनोरंजन नाचने गाने का प्रबंध किया गया । कुत्तों का खेल और प्रतियोगिता आयोजित की गई सब लाजवाब था । उपहारों का परस्पर लेन देन हुआ और सभी अपने अपने कुत्तों के साथ ख़ुशी ख़ुशी विदा हुए । लेकिन जैसे ही विपक्षी दल के नेता का ड्राईवर उनके कुत्ते को ले जाने लगा नेता जी का कुत्ता उस ड्राईवर पर भौंकने लगा और विपक्षी दल के नेता जो खुद नहीं आये थे उनकी कुतिया को नेता जी के कुत्ते ने जाने नहीं दिया रास्ता रोक खड़ा रहा । नेता जी को माजरा समझ आया तो उन्होंने ड्राईवर को समझा कर वापस भेज दिया , विरोधी दल के नेता को पता चला तो उन्होंने ब्यान जारी कर इसे अपहरण की घटना घोषित कर शिकयत दर्ज करवाने की बात कही । लेकिन नेता जी ने शीघ्र ही विपक्षी दल के नेता को फोन कर निवेदन किया कि इसे राजनीति से अलग रख कर संवेदनशीलता पूर्वक समझना चाहिए । नेता जी ने कहा वो खुद आकर उनसे उनकी कुतिया का रिश्ता मांगेंगे और उनकी सहमति से ही गठबंधन संभव होगा । 
 
अगले दिन सुबह ही नेता जी अपने कुत्ते और विपक्षी दल के नेता की कुतिया दोनों को साथ लेकर विरोधी नेता जी के आवास पर गए और दोनों को आशीर्वाद देने का अनुरोध किया । विपक्षी दल के नेता ने अपनी राजनीति की शतरंजी चाल चल ही दी ऐसा कह कर कि उनके कुत्ते को यहां रहना होगा कुतिया से नाता रखना है अगर । नेता जी ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया और गठबंधन की रस्म निभाई गई और सार्वजनिक घोषणा की दोनों ने मिलकर कि विचार अलग अलग है लेकिन प्रेम का समर्थन हम दोनों ही करते हैं कभी प्यार करने वालों में अड़चन नहीं बन सकते हैं । इस के साथ नेता जी ने ये भी कहा कि उनका अनुरोध है कि समधी जी इक बात पर फिर से विचार कर निर्णय करें कि दोनों के कुत्ते कुतिया की ख़ुशी और अच्छा भविष्य किस घर में रहने से बेहतर होगा । सोच विचार करने के बाद विपक्षी दल के नेता मान गए हैं कि शासक राजनेता के घर पर रहना कुत्तों की भलाई के लिए अनिवार्य है । कुछ लोग इस के पीछे कुछ और ही कहानी समझा रहे हैं करोड़ों का दहेज़ का आदान प्रदान से लेकर दो दिलों नहीं दलों में तालमेल की बात लगती है । अब चाहे जो भी हो नेता जी के कुत्ते की निपुणता समझदारी ने उनको फिर कायल कर दिया है उनका कुत्ता उनकी राजनीति का आईना है ।  कुत्तों का प्रेम विवाह अनूठी घटना है और पहली बार प्रेम विवाह सरकार की मज़बूती और स्थाई होने का आधार बन गया है ।  कुत्ते कुतिया के घठबंधन की तस्वीरें चर्चा का विषय हैं क्योंकि एक जिधर देख रहा दूजा उधर नहीं किसी और तरफ देख रहा है अर्थात दोनों की नज़र सभी पर है कि राजनीती की शुरुआत लगती है ।
 
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1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

हा हा हा... नेता जी का कुत्ता सूंघ कर बता देता था कौन वफ़ादार कौन...बहुत बढ़िया धारदार व्यंग्य