अप्रैल 15, 2024

गारंटी वाले बाबाजी ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया

       गारंटी वाले बाबाजी ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया 

हालांकि ये कानून है कि कोई भी चिकित्सक किसी भी रोग का ईलाज करने की गारंटी देने की बात नहीं कह सकता है तब भी झोला छाप से लेकर बड़े बड़े अस्पतालों के विशेषज्ञ थोड़ा शब्दों का हेर-फेर कर रोगी को ऐसा यकीन करने पर विवश कर ही देते हैं । कंपनियों की बात अलग है अमिताभ बच्चन तक जिनका प्रचार किया करते थे उनके विज्ञापन झूठे साबित हुए तो किसी ने अमिताभ बच्चन जी को दोषी नहीं समझा । तभी किसी ने ये तरीका अपनाया है और उनके दल ने उनके नाम की गारंटी से अपनी नैया चुनावी समंदर में उतार दी है । आपको भरोसा है तो ठीक है अगर नहीं है तो उनके नाम के भरोसे कश्ती में सवार हो जाओ फिर चाहे भंवर हो या तूफ़ान आए आपको पार उतरना ही है इस पार से भवसागर पार तक नाम का सहारा काफ़ी है । किसी बाबा की गलती पकड़ी गई तो बार बार मांगी अदालत से माफ़ी है क्या इतना काफ़ी है ये तो गब्बर सिंह की बात है बड़ी नाइंसाफ़ी है । बच गए तीनों खूब कहकहे लगाए आखिर गोली खाये क्योंकि जो डर गया समझो मर गया । इतिहास में गब्बर सिंह का इंसाफ़ दर्ज है रहेगा हर कोई तेरा क्या होगा कालिया कहेगा और कोई मैंने आपका नमक खाया है हाथ जोड़ कहेगा । आखिर सबको जाना है हर कोई चार दिन दुनिया में ज़िंदा रहेगा । 
 
आप को जब कोई गारंटी देता है तो गारंटी कार्ड है कि वारंटी कार्ड है ध्यान से देखना , कब से कब तक की अवधि भी जांच लेना अन्यथा ग़ज़ब ढाते हैं लोग , रात को दिन बताते हैं लोग । अपना नाम पता जांच लेना ज़रूरी है कोई हिरण भागता रहता है अंदर उसके कस्तूरी है । बड़ा शोर है पिछले दस साल में कोई फ़िल्म नहीं बनी वो तो फ़िल्म का प्रोमो है ट्रेलर था फ़िल्म अभी बाक़ी है । आप समझ रहे थे क्या शो है क्या अदाकारी है क्या खेल तमाशा है पता चला जो खाया नहीं अभी इक बताशा है , आपको ट्रेलर देखने में होने लगी हताशा है फ़िल्म चलेगी और खूब चलेगी आपकी ज़िंदगी जितनी है तब तक देखते रहना । मेरा नाम जोकर फ़िल्म का नायक अंत में कहता है अभी उसका तमाशा ख़त्म नहीं हुआ है ये तो इंटरवेल है यानि मध्यांतर है जो कितना है उसे भी पता नहीं था । जोकर का तमाशा लोग कभी भूलते नहीं हैं , अरे भाई ये दुनिया इक सर्कस है और इस में बड़े को भी छोटे को भी नीचे से ऊपर ऊपर से नीचे आना जाना पड़ता है , हीरो से जोकर बन जाना पड़ता है । जोकर हंसता नहीं हंसाता है दुनिया को और राजनीति की सर्कस है जो जनता को रुलाती है तभी मोगैंबो खुश होता है । गारंटी कार्ड पर किसी का नाम दर्ज नहीं जिसको मिली गारंटी और न नीचे किसी की मोहर लगी है कोई हस्ताक्षर नहीं हैं ऐसा कार्ड वैध नहीं साबित होगा कभी शर्तों पर खरा नहीं उतरने पर नौबत आई तो आपको समझ आएगा चाहा क्या क्या मिला बेवफ़ा आ आ तेरे प्यार में गाईड फिल्म का नायक सोचता है , काहे नाचे सपेरा , मुसाफ़िर जाएगा कहां ।
 

 

1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

वाहः...माफीनामे और... गारंटी गारंटी पर बढ़िया लेख👌