नवंबर 02, 2023

वो ज़माने आएंगे ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

         वो ज़माने आएंगे ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

यूं ही हम दिल बहलाएंगे  
फिर से वो ज़माने आएंगे । 
 
जब हाल कोई पूछेगा तो 
ख़ुद ज़ख़्म सभी भर जाएंगे । 
 
वो बिछुड़े तो दिल पर क्या गुज़री 
मिलने पर उनको बताएंगे । 
 
इन टूटी-सी उम्मीदों से 
खुद को ही हम समझाएंगे । 
 
अब तो जीना है यूं ही हमें 
बस घुट-घुट कर मर जाएंगे । 
 
          (   6 अक्टूबर 2001   )
 

 

कोई टिप्पणी नहीं: