नवंबर 02, 2023

हम बिक गये ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

              हम बिक गये ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया  

दिल के हाथों सरे-आम हम बिक गये 
इस मुहब्बत में बेदाम हम बिक गये । 
 
भूल से आ गए मयकदे में कभी 
पी के हाथों तिरे , जाम , हम बिक गये ।
 
आये बन कर ख़रीदार बाज़ार में 
और ले कर तिरा नाम हम बिक गये । 
 
तेरे ज़ुल्मों-सितम को भी , मेरे सनम 
जान कर तेरा इनाम , हम बिक गये ।  

      ( 19 मार्च 2001 )


 
 

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