वैज्ञानिक चिकत्स्क जिनको सामाजिक सरोकार है ( अनूठी मिसाल )
डॉ लोक सेतिया
बहुत कम ऐसा देखने को मिलता है जैसा 3 जनवरी 2024 के कौन बनेगा करोड़पति के 105 वें एपिसोड में डॉ कन्हैया जी से अनुभव हुआ जो 2500000 रूपये की जीती हुई धनराशि का उपयोग कोई ऐसा ऐप्प बनाने पर करना चाहते हैं जिस से ज़रूरत होने पर निःशुल्क उपयोग कर लोग कैंसर रोग की जांच समय रहते करवा सकेंगे क्योंकि भारत में विलंब होने से पूरा उपचार नहीं किया जा सकता है । शुरआत में उन्होंने बताया कि बनिया समाज में अधिकांश पिता बेटे से अपनी दुकान संभालने को कहते हैं लेकिन उनके पिता ने उनको शिक्षा हासिल करने को कहा । उन्होंने 3 जनवरी 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जी की पहल पर शुरू किया गया भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर में न्यूक्लियर मेडिसिन की शिक्षा प्राप्त की और आजकल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली में विभाग के प्रमुख हैं । उन्होंने समाज को जागरूक करने को बहुत सारी जानकारी शो पर देते हुए बताया कि उनका केबीसी पर आने का मकसद यही है । जब भी ऐसे लोगों से परिचित होते हैं जिनके लिए मानवीय संवेदना का महत्व सबसे अधिक होता है दिल को इक राहत मिलती है और ख़ुशी होती है कि कितने लोग आज भी अपने लिए नहीं समाज के लिए चिंतित रहते हैं ।
इसे क्या इत्तेफ़ाक कहेंगे कि उस एपिसोड का अंतिम प्रश्न भी ऐसा ही था , रूस में जब लेनिनगार्ड शहर को घेरा गया था और बर्बाद कर दिया गया था तब उस शहर में स्थापित बीज और पौधों की प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने पौधों को बचाने को अपनी जान तक दे दी थी भूखे मर गए लेकिन वहां पर सुरक्षित पौधों को नहीं खाया था जब पत्थर तक खाने की नौबत आई थी । अब उस शहर का नाम सैंट पीटरगार्ड है , आजकल क्या ऐसा संभव लगता है कि मानवता की भविष्य की सुरक्षा की चिंता करते हुए पढ़े लिखे लोग अपनी ज़िंदगी तक न्यौछावर कर देते थे । खेद है आधुनिक समाज अपनी सुविधा ज़रूरत और महत्वांकाक्षा से ऊपर नहीं देख पाते हैं । नैतिक मूल्यों पर हम कितना निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं ऐसे में कोई अनूठी मिसाल बनकर हमको सही राह दिलखाये तो उसको सलाम करना चाहिए । डॉ कन्हैया जी का अभिवादन करते हैं ।
1 टिप्पणी:
Achcha aalekh... Manavta ko ujagar krta hua...
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