दुनिया की सबसे बड़ी दौलत ( बेटी का प्यार-विश्वास ) डॉ लोक सेतिया
11 साल पहले मुझे बेटी ने जाने क्या सोचकर प्यार आदर विश्वास का एहसास दिलवाता ये अनमोल प्रमाणपत्र दिया था दुनिया का सबसे अच्छा पिता होने का। शायद अन्य कोई ईनाम पुरुस्कार धन दौलत मैंने अर्जित नहीं की जीवन भर में। ऐसा नहीं कि मैंने अपने बच्चों बेटी बेटे को सब कुछ दिया हो बल्कि ज़िंदगी में हमेशा संघर्ष करते हुए सभी अपनों को जितना देना चाहता था नहीं दे पाया जिसका एहसास मुझे रहता है। शायद इक बेटी ही इस तरह भावना को समझ सकती है और खुले मन से इज़हार कर सकती है अन्य कोई नाता इतना उदार नहीं हो सकता जो नहीं मिला जो सब उसको भूलकर जितना भरपूर कोशिश कर दिया किसी ने उसका मोल समझना। अनुपम खेर की इक फ़िल्म आई थी जिस में इक बेटी अपने पिता को निराश जीवन से निकालने को उस पर भरोसा करती है और जब तमाम लोग उसका इम्तिहान लेते हैं और असफल साबित करने की भरसक कोशिश करते हैं लेकिन अनुपम खेर कहते हैं उनको आज सिर्फ बेटी पूजा की नज़र में खुद को सही साबित करना है और किसी की परवाह नहीं कौन क्या समझता है। याद नहीं बचपन से आज तलक कोई ऐसा ईनाम पुरुस्कार प्रमाणपत्र मिला हो कोई चाहत ही नहीं रही खुद को ख़ास समझने की। आम हूं और आम होने पर रत्ती भर भी हीनभावना मन में रही है ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने देखा है हर कोई खुद को ऊंचा साबित करने की कोशिश में अपने को बौना साबित कर कर रहा है। मेरा ऐसा कोई मकसद कभी नहीं रहा है कुछ चाहत रही है तो यही कि कोई मुझे जैसा मैं हूं वैसा स्वीकार करे और अपना समझे। आपस में असहमति विचार का मतभेद होते रहने पर भी अपने संबंध पर अटूट विश्वास रखना वास्तविक मज़बूती होती है नाते रिश्ते की। बेटी के दिए इस उपहार से बढ़कर कोई दौलत दुनिया की हो नहीं सकती है और मेरा वादा है बेटी के भरोसे को हमेशा बनाये रखना। शायद खुद मैं दुनिया का सबसे अच्छा पिता बन नहीं सकता मगर मेरी बेटी दुनिया की सबसे प्यारी बेटी है हमेशा रहेगी।
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