फ़रवरी 20, 2013

POST : 302 हो गया क्यों किसी को प्यार है ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

हो गया क्यों किसी को प्यार है ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

हो गया क्यों किसी को प्यार है
बस इसी बात पर तकरार है ।

कौन आकर हमारे ख़्वाब में
खुद बुलाता हमें उस पार है ।

कुछ खबर तक नहीं हमको हुई
जुड़ गया दिल से दिल का तार है ।

धर्म के नाम पर दंगे हुए
जल गया आग में गुलज़ार है ।

रोग जाने उसे क्या हो गया
चारागर लग रहा बीमार है ।

हर कदम डगमगा कर रख रही
चल रही इस तरह सरकार है ।

शर्त रख दी थी "तनहा" प्यार में ,
कर दिया इसलिये इनकार है । 
 

 

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