मार्च 31, 2024

लागा इलेक्टोरल बॉण्ड का दाग़ ( हास -परिहास ) डॉ लोक सेतिया

 लागा इलेक्टोरल बॉण्ड का दाग़ ( हास -परिहास ) डॉ लोक सेतिया 

    ( सबसे बड़ा अप्रैल फूल बनाया इतिहास में कीर्तिमान स्थापित किया है ) 

आखिर कुछ तो सबसे बड़ा कर दिखाया उन्होंने , उनके चाहने वालों को कब से यकीन था किसी दिन उनका नाम इतिहास में दर्ज होगा अवश्य । काले रंग से अंकित होगा इसकी कल्पना नहीं की थी , देश की सर्वोच्च अदालत ने असंवैधानिक घोषित किया तब भी जनाब को भरोसा था उनके दामन पर कोई कालिख़ टिक नहीं सकेगी । तमाम विपक्षी दलों के दाग़दार राजनेता उनकी दाग़ धोने की मशीन से धुलते ही चमकदार सफ़ेद घोषित होते रहे हैं । जनाब के लिबास कितने कीमती और चमकदार होते हैं अचानक देखा सभी पर कोई धब्बा दिखाई देने लगा है । जनाब की सजावट चमक को बरकरार रखने को फैशन डिज़ाइनर नियुक्त हैं बहुत बड़ी राशि वेतन की लेते हैं उनको तलब किया गया ये कैसे होने दिया । आखिर किसी ने शोध किया तो पाया कि ये सभी वस्त्र जिस रंग का धब्बा लगाए दिखाई दे रहे हैं इलेक्टोरल बॉण्ड से उतरा हुआ रंग है जो पक्का रंग है शायद किसी ने होली पर ये मज़ाक किया है । रंगरजिया कहलाते हैं जो कपड़ों को रंगने में माहिर होते हैं , महिलाओं की सब से बड़ी समस्या साड़ी कमीज़ सलवार के रंग से हूबहू मेल खाता दुपट्टा या अन्य वस्त्र को रंगवाना होता है । अच्छे कारीगर रंगते ही नहीं रंग को उतारते भी हैं कितना गहरा रंग चढ़ा हुआ हो वो उसे सफेद कर सकते हैं । जनाब के कपड़ों से इलेक्टोरल बॉण्ड का दाग़ उनसे भी साफ़ नहीं हुआ लाख कोशिश करने पर भी । आखिर सरकारी विभाग से अदालत तक सभी किसी काम के नहीं निकले जनाब की छवि को बनाए रखने के काम में । जांच आयोग ही राजनेताओं को निर्दोष साबित कर सकता है , अब फिर से सरकार बनी तो यही रामबाण उपाय किया जाएगा , तब तक पुराना गीत गुनगुनाना मज़बूरी है , लागा चुनरी पे दाग़ छुपाऊं कैसे । 
 

लागा चुनरी पे दाग़ छुपाऊं कैसे , जा के बाबुल से नज़रें मिलाऊं कैसे । 

एक नंबर दो नंबर चाहे दस नंबर , बॉण्ड असली नकली भुनाऊं कैसे । 

अदालत का अंगना है टेड़ा कितना , नचाया सबको खुद नृत्य दिखाऊं कैसे । 

दुनिया हैरान देख कर अजब घोटाला , जांच आयोग बना कलीन चिट पाऊं कैसे । 

 

जांच आयोग ( हास्य व्यंग्य कविता ) 

काम नहीं था
दाम नहीं था
वक़्त बुरा था आया
ऐसे में देर रात
मंत्री जी का संदेशा आया
घर पर था बुलाया ।

नेता जी ने अपने हाथ से उनको
मधुर मिष्ठान खिलाया
बधाई हो अध्यक्ष
जांच आयोग का तुम्हें बनाया ।

खाने पीने कोठी कार
की छोड़ो चिंता
समझो विदेश भ्रमण का
अब है अवसर आया ।

घोटालों का शोर मचा
विपक्ष ने बड़ा सताया
नैया पार लगानी तुमने
सब ने हमें डुबाया ।

जैसे कहें आंख मूंद
सब तुम करते जाना
रपट बना रखी हमने
बिलकुल न घबराना ।

बस दो बार
जांच का कार्यकाल बढ़ाया
दो साल में रपट देने का
जब वक़्त था आया ।

आयोग ने मंत्री जी को
पाक साफ़ बताया
उसने व्यवस्था को
घोटाले का दोषी पाया ।

लाल कलम से
फाइलें कर कर काली
खोदा पर्वत सारा
और चुहिया मरी निकाली ।        


Supreme Court Electoral Bonds Hearing Big Points Unconstitutional SBI  Direction Updates | चुनावी बॉन्ड स्कीम पर लगा फुल स्टॉप, सुप्रीम कोर्ट ने  क्या-कुछ कहा? 10 प्वाइंट्स में जानिए ...


कोई टिप्पणी नहीं: