मार्च 26, 2023

वफ़ादार आपके सब ईमानदार नहीं ( राग दरबारी ) डॉ लोक सेतिया

 वफ़ादार आपके सब ईमानदार नहीं  ( राग दरबारी ) डॉ लोक सेतिया 

हर किसी को वफ़ा की तलाश है और वफ़ादारी का सबक किसी को याद नहीं ईमानदारी वाला सबक किसी किताब में शामिल नहीं है । सरकार वफ़ादारी देखती है ईमानदारी नहीं देखती और बेईमान लोग वफ़ा नहीं करते जीहज़ूरी करते हैं अपने अपने मतलब साधते हैं । देश के सर्वोच्च पदों पर नियुक्ति का आधार कोई काबलियत नहीं जो जब सत्ता पर आसीन है उस के लिए निष्ठा को आधार बनाते हैं और निष्ठाएं हैं जो बदलती रहती हैं । चतुर खिलाड़ी वक़्त की चाल और हवाओं का रुख देख कर बदलते रहते हैं समझदार कहलाते हैं जो चुनाव से पहले भांप लेते हैं तराज़ू का पलड़ा जिधर झुका हुआ उसी पलड़े में चले जाते हैं । इंसान जब सिक्कों में तुलते हैं तो सामान बन जाते हैं जो कीमत देता है अपने घर ले जाता है । गाय भैंस घोड़े हाथी क्या गधे तक जिस ने खरीदा उसके खूंटे पर बंधे रहते हैं बस कुत्ता नहीं जानता उसका महत्व कितना है । भौंकने वाले नहीं दुम हिलाने वाले कुत्ते लोग पालते हैं आजकल घर की रखवाली सिक्योरटी गार्ड किया करते हैं और सीसीटीवी पर भरोसा है । कुत्ते की वफ़ादारी हड्डी खिलाने वाले के लिए रहती है सभी टीवी चैनल सरकारी विज्ञापन की खातिर सब करते हैं बड़े तेज़ दौड़ने वाले बिना सरकारी विज्ञापन सहायता की बैसाखी इक कदम चलते हुए डरते हैं । सत्ता की चौखट पर फिसलन ही फिसलन है सभी संभल कर निकलते हैं गिरने से बचने को जाने कितना नीचे गिरते हैं । 
 
देश में सब कुछ है बस नहीं है तो सत्ता सरकारी विभाग से धनवान उद्योगपति वर्ग सिनेमा फ़िल्मकार कथाकार से बड़े बड़े व्याख्यान देने वाले तथाकथित जानकर विशेषज्ञों अभिनेताओं कलाकारों तक अपने काम में रत्ती भर भी सच्चाई और ईमानदारी नहीं बची है । वफ़ादारी दो लोगों के बीच होती है जबकि ईमानदारी सब के लिए एक जैसी होती है शायद ईमानदारी बेमौत मर गई ईमानदारी ज़िंदा नहीं रही । मातम नहीं मनाते बड़े लोग जश्न मनाते हैं उनको वफ़ा अभी बाक़ी है ये भरोसा है ईमानदारी भी कभी कहीं से ढूंढ ही ली जाएगी ।
 
इक शायर कहता है कि :- 
बड़े लोगों के घर सोग का दिन भी लगता है त्यौहार सा । 
उस शायर को लगता था :- 
इस तरह साथ निभाना है मुश्किल , तू भी तलवार सा मैं भी तलवार सा। 
  
इधर दूर किसी शहर की गरीबों की बस्ती में इक झौपड़ी में इक महिला ने बच्ची को जन्म दिया है। टीवी चैनल का कैमरा उस पर थम गया है बता रहा है कि महिला के साथ दुष्कर्म किया गया था और अपराधी अभी पकड़ा नहीं गया है । टीवी वालों ने उस को ईमानदारी नाम दे दिया है अर्थात ईमानदारी उस लड़की का नाम है जिस के पिता का कोई अता पता नहीं है और जिसकी मां उसको जन्म देते ही मर गई है । ईमानदारी की शोकसभा मातम मनाना छोड़ उसके जन्म पर जश्न मनाने लगी है । ईमानदारी लावारिस है उसकी कहानी बड़ी पुरानी है जिस पर फिल्म बन चुकी है । 



1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

ईमानदारी और वफादारी की बात करता तंज करता लेख👌👍