जून 11, 2023

ये दिल हर किसी को दिखाएं तो कैसे ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया ' तनहा '

 ये दिल हर किसी को दिखाएं तो कैसे ( ग़ज़ल ) डॉ  लोक सेतिया ' तनहा '

ये दिल हर किसी को दिखाएं तो कैसे
है वीरान कितना , बताएं तो कैसे ।

हमीं जब नहीं ख़ुद मुहब्बत के काबिल 
नज़र को नज़र से मिलाएं तो कैसे ।

कहां ढूंढते हो फ़रिश्ते ज़मीं पर 
ज़मीं आस्मां पास आएं तो कैसे ।
 
यही आख़िरी सांस हम जानते हैं 
किसी चारागर को बुलाएं तो कैसे । 
 
ख़ुदा से ख़ुदाई नहीं मांगते हम
हां उन से रसाई भी पाएं तो कैसे ।  

घड़ी आ गई जब विदा हो रहे हैं 
बताओ ज़रा मुस्कुराएं तो कैसे । 

जिसे भूलना लाज़मी शर्त ' तनहा '
कहानी वो सबको सुनाएं तो कैसे ।