अक्तूबर 03, 2018

तू कितनी अच्छी है ओ मां - माताजी माया देवी जी की बातें

   तू कितनी अच्छी है ओ मां - माताजी माया देवी जी की बातें 

   मां पता नहीं क्यों आंखें भर आती हैं , नहीं कोई भी नहीं समझता इस नाते को। मुझे तुम से प्यारा कोई भी नहीं लगा कभी भी। इस से पावन छवि भगवान की मूरत की भी नहीं लगती मुझे। याद आता है यही गीत जो मैं गया करता था और सब परिवार मेरी बहनों को सुनना कितना अच्छा लगता रहा है। मैंने किसी भी औरत के चेहरे पर ऐसी मासूमियत और पावनता नहीं देखी , सच की देवी थी तुम। दिल में बहुत कुछ है मगर शब्द नहीं पास मेरे लिखने को , नहीं कही जा सकती हर बार ज़ुबान से भी। कभी सोचा तो नहीं अगले पिछले जन्म के बारे फिर भी चाहता हूं इक और जन्म हो जिस में हम दोनों हर पल हर घड़ी साथ हों। आज भी मेरी आंखों में आंसू हैं मगर सामने तेरा चेहरा मुस्कुराता हुआ दिखाई देता है। किसी और युग की थी तुम इस युग में तो नहीं होते ऐसे इंसान , नहीं समझा किसी ने भी शायद तुझे भी मुझे भी। साथ अपना भी कितना कम रहा जीवन में , भटकता रहा हूं इधर उधर नहीं रह पाया हमेशा साथ तुम्हारे। तरसता ही रहा हूं मैं वास्तविक सच्चे प्यार और ममता से अलग रहते हुए। पढ़ना लिखना कारोबार करना या दुनिया का हर काम इस से महत्वपूर्ण तो कुछ भी नहीं था। मां तू किस मिट्टी की बनी थी कभी कोई शिकायत नहीं की मुझसे भी नहीं किसी से भी नहीं। याद आती है वो प्यारी सी शिकायत कभी कभी जब किसी दिन मिलने नहीं आया तो हंसकर कहती थी , जानती भी थी कोई भी कारण हो नहीं सकता था। हम सब के लिए जो भी कर सकते हैं करने पर भी सभी को कमी लगती है , तुम मेरी भोली मां कितनी खुश हो जाती थी ज़रा थोड़ा भी कुछ देने पर।  सब वास्तव में तेरा ही तो था मां , मेरे पास था ही क्या जो तुझे दे सकता। आज भी लगता है नहीं चुका पाया ममता का क़र्ज़ , तुमने कब समझा किसी से कोई क़र्ज़ लेना है। देना ही जानती थी तुम सभी को , मगर मुझे लगता है तुझे हम सभी बच्चों ने जितना आदर सम्मान दिया वो कुछ भी नहीं था तेरे प्यार के सामने। लोग कहते हैं मां भगवान का ही रूप होती है मैंने देखा भी समझा भी है भगवान तुझसे बढ़कर नहीं हो सकता है। पता नहीं स्वर्ग नर्क होता है या नहीं मगर चाहता हूं मरने के बाद केवल इक तुम्हीं से मिलना उस जहां में। तब भी कहा कुछ भी नहीं जाएगा , तुम भी बिना बोले समझा दोगी सब मुझे। अपने आंचल में छुपा लोगी मुझे , मेरे सब दुःख दर्द मिट जाएंगे तेरी गोदी में सर रखते ही। नींद नहीं आती है कब से मुझे रातों को। 

 

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