जुलाई 14, 2022

सात्विक भाषा के शब्द का शब्दकोश ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया

   सात्विक भाषा के शब्द का शब्दकोश ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया 

वहां कोई अपराधी कोई झूठा कोई रिश्वतखोर निर्वाचित होकर नहीं बैठ सके ये करना संभव नहीं है स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन भरी सभा में झूठ भ्रष्टाचार जैसे शब्द उपयोग नहीं किए जाएं ऐसा करना मुमकिन हो सकता है उन शब्दों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं । किसी नियम बनाने से सभी को ईमानदार बनाया नहीं जा सकता तो क्या हुआ बेईमानी करने वाले को बेईमान नहीं कहा जाए ये नियम लागू किया जा सकता है । मगर चिंता नहीं करें नेताओं को सत्ताधारी या विपक्ष वालों को भाषण देते समय अपशब्द बोलने से लेकर गोली मारो सालों को से हिंसा और नफरत फ़ैलाने की छूट रहेगी । कल तक जो सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी पर ब्यान दे रहे थे कि टीवी पर किसी शासक दल के प्रवक्ता को अपने ब्यान की क्षमा मांगनी चाहिए उनको इस बदलाव पर खामोश रहना उचित होगा । सभ्यता मर्यादा शिष्टाचार का पालन सिर्फ एक जगह होना चाहिए अथवा हमेशा हर जगह ऐसे सवालों के जवाब खोजने लगे तो कितने सवाल खड़े हो सकते हैं । कोई जांच आयोग कितने साल तक शोध करेगा तब सामने आएगा पिछले इतने सालों में किस किस ने कितनी बार ऐसे असभ्य शब्दों का उपयोग किया है । कोई शरीफ़ शराफ़त से चर्चा करता शायद ढूंढना कठिन लगे हर किसी ने कोई न कोई शब्द कभी न कभी उच्चारित किया होगा चोर को चोर क़ातिल को क़ातिल घोटाला करने वाले को हिस्सा लेने वाला पाए जाने पर अथवा आरोप लगाने को । जब किसी को ऐसा कहना खुद अपराध समझा जाएगा तब जुर्म हुआ होगा मुजरिम सामने होगा फिर भी आरोप लगाना नियम का उलंघन होगा। समस्या गंभीर है इसलिए भाषा विभाग को असभ्य आचरण करने वालों की गरिमा का ध्यान रखते हुए शब्दकोश में प्रतिबंधित शब्दों की जगह पर्यायवाची सात्विक शब्द घड़ने होंगे क्योंकि पुराने शब्द खरे साबित नहीं हुए हैं। 
 
अभी शुरुआत हुई है धीरे धीरे किताबों से कहानियों से ऐतहासिक दस्तावेज़ों से जाने किस किस जगह से संशोधन कर सब फिर से लिखना पढ़ना पढ़ाना होगा । लगता है हमको अभी तक उलटी पढ़ाई पढ़वाते रहे हैं अब सब सीधा करना होगा । जसपाल भट्टी जी नहीं हैं अन्यथा उनकी तमाम बातें उल्टा-पुल्टा होती थी उनकी बोलती बंद हो जाती या ऐसा भी संबव है सरकारी शिक्षा विभाग उन्हीं से नया शब्दकोश बनवाने का अनुबंध करना चाहता । हिंदी भाषा के जानकार विशेषज्ञ पीएचडी वालों को अवसर का उपयोग कर कोई आधुनिक शब्दकोश बनाने का कार्य कर गाली गलोच की जगह आदर सूचक शब्द सुझाने का कार्य शीघ्र करना ज़रूरी होगा।



1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

बहुत सही लिखा👌👍

चोरों पर सरदारी है।
कुर्सी की लाचारी है।
पहले समंदर खारा था,
अब नदिया भी खारी है।