भगवान हुए परेशान ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया
भगवान सदियों से सोये हुए थे
आखिर उनको जगाना ही पड़ा
आखिर उनको जगाना ही पड़ा
हर पत्नी का यही तो फ़र्ज़ है
पत्नी को भी उसे निभाना ही पड़ा ।
पत्नी को भी उसे निभाना ही पड़ा ।
उठे नहाये धोये खाया पिया तब
उसको कर्तव्य बताना ही पड़ा
जाओ दुनिया का हाल भी देखो
परमेश्वर को ये समझाना ही पड़ा ।
परमेश्वर को ये समझाना ही पड़ा ।
पता चला कहीं भीड़ लगी हुई है
चले गए भगवान उसी जगह पर
चले गए भगवान उसी जगह पर
लेकिन इतना शोर था सभा में
सुनते हर कोई जाएगा ही डर ।
सुनते हर कोई जाएगा ही डर ।
चढ़ गए भगवान मंच पर जब
किसी की नहीं उनपे पड़ी नज़र
किसी की नहीं उनपे पड़ी नज़र
कोई नेता जिस दिशा से आ रहा
सभी देखने लग गए थे बस उधर ।
सभी देखने लग गए थे बस उधर ।
आखिर उनको समझ नहीं आया
ये कोई क्या है हुआ अवतार नया
ये कोई क्या है हुआ अवतार नया
सब सर उसी को झुकाए खड़े हैं
करते उसी की सभी जय-जयकार ।
करते उसी की सभी जय-जयकार ।
संचालक को परिचय देकर तब
कहने लगे दुनिया के पालनहार
कहने लगे दुनिया के पालनहार
खुद मैं आया हूं धरती पर आज
करने सब दुखियों का खुद उद्धार ।
करने सब दुखियों का खुद उद्धार ।
मंच संचालक ने मांगा तब उनसे
परिचय पत्र , वोटर कार्ड आधार
परिचय पत्र , वोटर कार्ड आधार
भगवान के पास नहीं था लेकिन
कुछ भी सरकारी आमंत्रण पत्राचार ।
कुछ भी सरकारी आमंत्रण पत्राचार ।
समझाया भगवान को तब यही
नहीं मिलेगा कुछ भी इधर जाओ
नहीं मिलेगा कुछ भी इधर जाओ
जाकर कहीं और ढूंढो अपने लिए
जगह कोई दफ़्तर या कोई घरबार ।
जगह कोई दफ़्तर या कोई घरबार ।
बहुत सभाएं देखी जा जाकर मगर
नहीं दे पाए अपनी कोई भी पहचान
नहीं दे पाए अपनी कोई भी पहचान
कैसे प्रमाणित करते ईश्वर धरती पर
वही हैं अपनी इस दुनिया के भगवान ।
वही हैं अपनी इस दुनिया के भगवान ।
हालत खराब देख आया इक लेखक
पूछा क्या हुआ किसलिए हुए परेशान
पूछा क्या हुआ किसलिए हुए परेशान
अब तुझे कोई कैसे जानेगा यहां पर
बना लिए कितने सभी ने यहां भगवान ।
बना लिए कितने सभी ने यहां भगवान ।
कोई नेता बना खुदा है देता वरदान
कोई खिलाड़ी बन गया है भगवान
कोई खिलाड़ी बन गया है भगवान
अभिनेता कोई ईश्वर टीवी पर देख
निराली उसकी शान करती है हैरान ।
निराली उसकी शान करती है हैरान ।
तुम तो पत्थर की मूरत बनकर
बैठे रहते चुपचाप करते पश्चताप
बैठे रहते चुपचाप करते पश्चताप
कोई तुमको प्रवेश नहीं देगा यहां
तुम ऐसे हो बिन बुलाये मेहमान ।
तुम ऐसे हो बिन बुलाये मेहमान ।
असली नकली सब असली लगते हैं
नकली लगते हैं इक खुद हो भगवान
नकली लगते हैं इक खुद हो भगवान
नकली असली हैं , और मैं नकली हूं
भगवान तेरी मर्ज़ी , मान चाहे न मान ।
भगवान तेरी मर्ज़ी , मान चाहे न मान ।
वापस जाना भी बहुत कठिन है
आया था ले क्या क्या अरमान
आया था ले क्या क्या अरमान
सच बताया जाकर पत्नी को गर
घर से बाहर होगा अपना सामान ।
घर से बाहर होगा अपना सामान ।
घूम रहा इधर उधर समझाता
इस दुनिया का हूं मैं भगवान
इस दुनिया का हूं मैं भगवान
सब को कोई पागल लगता है
अपना नाम हुआ ऐसा बदनाम ।
अपना नाम हुआ ऐसा बदनाम ।
लेखक से जाकर पूछा उपाय
क्या मेरा लिखोगे हुआ अंजाम
क्या मेरा लिखोगे हुआ अंजाम
रिटायर हो जाओ यही उचित है
नहीं करने को कोई अब काम ।
नहीं करने को कोई अब काम ।
सब जाते जाने किधर किधर
सोच वहीं मिलता है भगवान
सोच वहीं मिलता है भगवान
सामने आये जब खुदा भी तब
कहते जाओ छोड़ो भी जान ।
कहते जाओ छोड़ो भी जान ।
धर्म कर्म किसको चाहिए अब
झूठे रटते रहते सब कोई नाम
झूठे रटते रहते सब कोई नाम
ये सारे भगवान खुद ही बने हैं
तुम किस के हो अब भगवान ।
तुम किस के हो अब भगवान ।
देख दशा भगवान की समझ मुझे
आई इतनी सी खरी इक बात है
आई इतनी सी खरी इक बात है
सूरज आसमान पर चमक रहा है
दिन लगता जैसे अंधियारी रात है ।
दिन लगता जैसे अंधियारी रात है ।
2 टिप्पणियां:
Ha ha ha bahut bdhiya
Ha ha ha bahut bdhiya
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