तत्व ज्ञान की प्राप्ति ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया
स्वामीजी मंच पर विराजमान थे सामने जहां तक नज़र जाये भीड़ ही भीड़ थी उनके अनुयाई दूर दूर से आते हैं प्रवचन की वीडियो बनाई जा रही थी सोशल मीडिया और टीवी चैनेल वालों को भेजने की व्यवस्था थी । मौत का भय मन से निकाल दो जब आनी है आएगी समय से पहले घबराना नहीं जब आएगी तो चलना कोई बहाना नहीं , ज़िंदगी का कोई ठिकाना नहीं । अचानक गोली चलने की आवाज़ सुनाई दी स्वामीजी सुन घबरा गए उनको हमेशा आशंका रहती थी कोई उन पर जानलेवा हमला कर सकता है अपनी सुरक्षा का प्रबंध किया हुआ था । मंच को घेरे खड़े सुरक्षकर्मी उनको तुरंत भीतर सुरक्षित जगह ले आये , उनको बताया गया कुछ उपद्रवी घुस आये थे पकड़े जा चुके हैं आयोजन जारी रहेगा शांति व्यवस्था कायम करवाई जा रही है । बाहर मंच पर माईक उनके सहयोगी ने संभाल लिया था भीड़ को संबोधित कर रहे थे स्वामीजी अभी वापस अपना प्रवचन दोबारा शुरू करने वाले हैं । स्वामीजी पसीना पसीना हो रहे थे सुरक्षा प्रबंधक उनको कह रहा था आपको अपना डर सामने नहीं लाना था आपने बुलेट प्रूफ जैकट पहनी हुई है और प्रवचन भी बुलेट प्रूफ शीशे के पीछे से दे रहे थे भगवान आपको बचाता या नहीं हम आपको बचाने को सजग रहते हैं ।
तभी किसी ने आकर बताया गोली स्वामीजी के ही एक शिष्य ने हवा में चलाई थी आपके प्रवचन की सच्चाई परखना चाहता था कि सबको मौत से भयभीत नहीं होने का उपदेश देने वाला क्या खुद वास्तव में नहीं डरता मौत से । उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और सज़ा पाने को तैयार है लेकिन हमको इस बात को सार्वजनिक नहीं करना बल्कि खंडन करना है कि ऐसी घटना नहीं घटी ये झूठी मनघड़ंत अफ़वाह है । स्वामीजी को ज़िंदगी से कितना मोह है इस को समझ सकते हैं अनुयाई , मगर मरने से डरते नहीं स्वामीजी ये समझते थे जो उनको अचरज हुआ देख कर ।
आयोजक मंडल आग्रह कर रहा था प्रवचन देने बाहर चलें पहले की रिकॉर्डिंग हटवा दी जाएगी और पूरी रिकॉर्डिंग दुबारा शुरू की जाएगी कोई भगदड़ कोई शोर का दृश्य नहीं दिखाई देगा । ऐसा लगेगा सभी आपकी बात से प्रभावित हो पूरे विश्वास से प्रवचन सुनते रहे । घटना को गलत साबित कर आपकी लोकप्रियता को और बढ़ावा मिलेगा बस आपको सुनने वालों को आदेश देना होगा कि इस की चर्चा कभी किसी से नहीं करें कि कुछ हुआ भी था सभा में । स्वामीजी को ऐसे में कोई भी अपना नहीं प्रतीत हो रहा था मन ही मन सोचने लगे जाने कौन उनकी जान लेना चाहता है । ख़ास विश्सवनीय लोग भी उनकी ज़िंदगी की परवाह नहीं कर उनको खतरे में डालना चाहते हैं क्योंकि उनका बहुत पैसा खर्च हुआ है जिसकी भरपाई उपदेश देने से भेंट में मिलने वाली राशि और अन्य संसाधनों से होने वाले मुनाफ़े से ही संभव है । स्वामीजी को लग रहा था अब इस कार्य में भी कोई भरोसा नहीं कौन श्रद्धालु है कौन दुश्मन बना फिरता है साथ चलते चलते अवसर की तलाश में । सीने में बेचैनी दर्द का बहाना बना सहायक को उपदेश जारी रखने को भेज आराम करने लगे ।
बड़ी मुश्किल थी किसी तरह से उपदेश देने से लेकर कितनों को शिष्य बनाने की रस्म निभाई थी । सब से पहले प्रवेशद्वार पर मैटल डिटेक्टर लगवाना ज़रूरी है निर्धारित किया था , किसी विद्वान ज्योतिषचार्य को अपनी कुंडली दिखलाई थी ग्रह स्थिति खराब है उपाय कठिन है सुनकर आत्मा कंपकपाई थी । रात भर नींद नहीं आई भूख मिट गई सामने रखी मिठाई गरीबों को बंटवाई थी । पूजा पाठ ईश्वर से प्रार्थना सब भूल गए नींद की गोली भी काम नहीं आई थी आंखों आंखों में पूरी रैना बिताई दुनिया लगने लगी हरजाई थी । सबकी प्रीत हुई पराई थी ज़िंदगी लगने लगी और भी अच्छी कीमत नहीं लगाई थी । स्वामीजी के वास्तविक ज्ञान-चक्षु ख़ुल गए थे किताबों से अर्जित ज्ञान व्यर्थ प्रतीत होने लगा जीवन मिथ्या है का उपदेश झूठा साबित हुआ मौत से डरना किसे कहते हैं महसूस किया आज पहली बार । स्वामीजी को अभिमान था तमाम साधु संतों में लोग उनको महाज्ञानी मानते हैं आज खुद उनको अपनी अज्ञानता समझ आई है । मन में इक विचार आया है कि सुबह होते ही प्रवचन देते समय यही घोषणा कर दें कि उनको तत्व ज्ञान की प्राप्ति हो गई है ।
लेकिन तभी उनका करोड़ों रूपये का हिसाब किताब देखने वाला मुनीम मिलने चला आया और महानगर में जगह मिल गई है सरकार से कौड़ियों के भाव खबर सुनते ही खोया हुआ आत्मविश्वास लौट आया । अपना स्मार्ट फोन उठाया और इक मधुर गीत का लुत्फ़ उठाया , ज़िंदगी से प्यार करना सीख लो , जिनको जीना हो पहले मरना सीख लो । नया बनने वाला आश्रम कुछ ऐसे ही विषय प्रकरण मज़मून पर आधारित होगा तमाम आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त बदले स्वरूप में , जैसे पंचतारा होटल दफ़्तर होते हैं । सब कुछ निर्धारित कर घोषणा की तो भीड़ का उत्साह देखने के काबिल था । स्वामजी का उपदेश ऑनलाइन नियमित प्रसारित होगा अथवा प्रवेश पत्र से आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से जांच उपरांत ऊंचे सिंघासन से आवश्यक दूरी से दर्शन देंगे पहले से नियुक्ति करवाने वाले लोगों को ।
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