अक्तूबर 14, 2024

POST : 1909 शपथ आइसक्रीम की ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया

          शपथ आइसक्रीम की ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया  

     सरकार ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था सभी विभागों को निर्देश दिया गया था निर्धारित दिन समय तारीख़ को ये कार्यक्रम आजोजित करना ज़रूरी है । देश की राजधानी से लेकर ज़िला तहसील गांव तक हर दफ़्तर में हर कर्मचारी अधिकारी से चपरासी चौकीदार तक पुलिस प्रशासन सभी को शपथ खानी है रिश्वत नहीं खाने की ईमानदारी से कर्तव्य निभाने की । कोई भी लापरवाही करता है अथवा अनुउपस्थित रहकर शपथ खाने से वंचित रहता है तो उसकी निष्ठा संदिग्ध मानी जाएगी और ऐसे लोगों को उन जगहों पर नियुक्त किया जाएगा जहां चाह कर भी कोई घूस नहीं खा सके । बड़े अधिकारी ने इस आवश्यक कार्य  में कोई भूल चूक नहीं रहे इसलिए बैठक बुलाई है । मंत्री जी भी शामिल होंगे सुनते सभी उत्सुक थे कि चलो इस अवसर पर शपथ ही सही कुछ तो खाने की बात होगी अन्यथा मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री जैसे लोग न खाने न ही खाने देने का भाषण देते हैं । खाना खिलाना ज़रूरी है आपसी संबंध बनाने के लिए इस में कोई संशय नहीं हो सकता है । बड़े अधिकारी से साथ बैठे अधिकारी ने धीमी आवाज़ में सवाल किया जनाब शपथ खानी है या उठानी होती है , बात सोचने की थी इसलिए इक साहित्यिक रूचि रखने वाले से अंतर जानने को करीब बुलाया और पूछा । उसने कहा दोनों एक ही बात लगती हैं लेकिन फर्क तो है शपथ उठानी है तो हाथ में कब तक संभाली जा सकती है सर पर रखनी पड़ेगी इक बोझ हमेशा बना रहेगा जबकि खाने से पेट में हज़्म होकर जल्दी ही हल्कापन फिर से महसूस किया जा सकेगा पाचनशक्ति सरकारी विभाग की कभी कम नहीं होती है । 
 
अधिकारी को निर्णय करना है कब किस की खिलाई जाये खाई जाये , चाह नाश्ते के साथ या फिर भोजन में लंच करते हुए , बजट कितना है काजू बादाम शीतल पेय मंत्री जी को सब का लुत्फ़ उठाना अच्छा लगता है । दूसरे इक अधिकारी ने जानना चाहा क्या लिखित शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर विवरण देना होगा किस ने कब किस को खिलाई थी शपथ कब से लागू होकर कितने समय तक प्रभावी रहेगी । बड़े बाबू का सवाल था कभी कोई रिश्वत लेते पकड़ा गया तब क्या इस शपथ पत्र को प्रस्तुत कर बच जाएगा जैसे अन्य सरकारी कागज़ी प्रमाण से होता है । इसको तमगा बनाकर दफ़्तर में टांगना होगा या घर की अलमारी में सुरक्षित रखना होगा जब भी ज़रूरत होगी पेश कर दिया जाएगा । अधिकारी ने कहा ये सब छोड़ो पहले बताओ पिछले साल जो तख्तियां लगवाई थी जिन पर लिखा था यहां रिश्वत मत दें यहां रिश्वत नहीं ली जाती है उनका असर क्या हुआ । इस पर बड़े बाबू ने बताया जनाब दो बातों में अंतर बड़ा है , यहां रिश्वत न दें से समझदार जान जाते थे की किसी और जगह ये परंपरा निभाई जा सकती है । 
 
आला अधिकारी ने उनको टोक कर पूछा था व्यर्थ की बातों में उलझने की ज़रूरत नहीं है पहले ये विचार करना है कि शपथ किस रूप में खानी खिलानी है । नमकीन चटपटी या सलाद या फलों की चाट को शपथ का पर्याय समझना उचित होगा । सचिव ने निवेदन किया अगर अनुमति हो तो मैं सलाह देना चाहता हूं , अधिकारी ने हां का इशारा किया तो सचिव ने बताया , सब कुछ होगा चाय पकोड़े शीतल पेय मिठाई से तमाम व्यंजन खाने के बाद अंत में आइसक्रीम के स्वरूप में स्वादिष्ट शपथ खाई जा सकती है जिसको जो भी पसंद हो सभी उपलब्ध करवाई जा सकती हैं , वेनिला स्टॉबेरी बुट्टरस्कॉच टूटी फ्रूटी पचास तरह की मिलती हैं सभी चाव से खाते हैं । सबको लगा मौसम भी ऐसा है और आखिर में खाने से जैसे आइसक्रीम पिघलेगी हम भी भूल जाएंगे । औपचारिकता निभा कर मौज मनाएंगे कभी नहीं घबराएंगे जब सरकार कहेगी बार बार मंगवा खाएंगे खिलाएंगे । तैयारी बड़े ही शानदार ढंग से की जा रही है ईमानदारी की शपथ वाली आइसक्रीम सब को बुला रही है । जाने किसने शपथ ग्रहण समारोह में इक धर्म उपदेशक को बुलवा लिया जिसने समझाया कि शपथ स्वच्छ मन से शुद्धता का पालन करते हुए ली जानी चाहिए । आइसक्रीम कितनी असली है कोई नहीं कह सकता और सरकारी कर्मचारी अधिकारी मन की शुद्धता स्वछता की कभी चिंता नहीं करते सत्ताधारी लोग भी कपड़े साफ सुथरे और बढ़िया पहनते हैं भीतर की मैल पर कभी ध्यान नहीं देते फिर भी सभी ने शपथ ली मन में विचार कुछ और रखते हुए क्या क्या मत पूछना किसी से ।
   
 
 चॉकलेट आइसक्रीम चुनौती Multi DO Challenge

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