दुनिया का पहला ऐसा मंदिर फतेहाबाद में ( तरकश ) डॉ लोक सेतिया
तय कर लिया है मुझे ही बनाना है और अपने ही शहर में ही। शहर वालों को कुछ तो नया मिलेगा और लोग गूगल पर सर्च किया करंगें कहां बना है इकलौता ऐसे देवता का मंदिर। पहली बात मैं ही क्यों बनाऊं , आखिर झूठ के देवता को दूसरा कोई क्यों नहीं मिला। झूठों की कमी नहीं है मगर शायद मुझ पर झूठ के देवता को ऐतबार है तभी मुझे साक्षात दर्शन देकर अपना मंदिर बनाने को कहा । दीपक जलाने की ज़रूरत उसी जगह होती है जिस जगह अंधेरा छाया हो , झूठ का मंदिर यहां बनाना उचित होगा क्योंकि इस शहर में सच की दुकान गली गली खुली हुई है । सच के झंडाबरदार अख़बार टीवी वाले देश दुनिया को चौबीस घंटे सच बता बता कर परेशान किये हुए हैं । झूठ मिलता ही नहीं जब ज़रूरत हो सब परेशान होते हैं। एक नेता जी को किसी स्वर्गवासी नेता का भूत परेशान किये है , सब उसी की गलती है दोहराते हैं , कभी वाराणसी में कभी मुंबई में पुल गिरता है तो समझते हैं उसी की चाल होगी कि जब मेरा शासन होगा तभी विनाश होगा । अगर भगवान राम की तरह नल नील से बनवाते पुल तो कभी नहीं गिरते । बात झूठों की नहीं झूठ के देवता की हो रही है । सब से पहले सभी को जानकारी देना ज़रूरी है कि इस तरह के मंदिर का कॉपीराइट हासिल कर लिया है मैंने इसलिए कोई दूसरा नहीं बना सकता है ।
फतेहाबाद शहर ही नहीं हरियाणा राज्य को भी गर्व होना चाहिए कि केवल हमारे यहां ऐसा मंदिर है । शायद पर्यटन को बढ़ावा देने को रेल मंत्री यहां रेल की पटरी बिछवा दें। बुलेट ट्रैन न सही आम यात्रा गाड़ी ही सही , हम उसी से काम चला लेंगे छत पर बैठ सफर करने का लुत्फ़ उठा सकेंगे । जिनको भरोसा है झूठ आजकल सबसे महत्वपूर्ण बन चुका है उनको मेरा साथ देना चाहिए । आपको झूठ को आसमानी ऊंचाइयों तक पहुंचाना है । सच बोलने से आफत आती है झूठ बोलने से दौलत । किसे क्या चाहिए खुद तय करो । झूठ की महिमा को समझना ज़रूरी है । झूठ से लोग खुश ही नहीं होते बल्कि ख़ुशी से पागल होकर सत्ता सौंप देते हैं और झूठ की जय जयकार करने लगते हैं। कलयुग में झूठ ही सब से बलशाली है , सच को तो पीलिया रोग हो गया है । फतेहाबाद सचिवालय में उपयुक्त पुलिस अधीक्षक सहित तमाम दफ्तरों में डेंगू रोग का लारवा मिला है । वाटरकूलर नहीं ऐसी हैं सब के ऑफिस में , लारवा को शरण फिर भी उन्हीं से मिलती है । ये सभी रोग बढ़ाने में योगदान नहीं देते तो रोग क्या योग भी नहीं बचता और सभी डॉक्टर खाली बैठे मिलते । झूठ के मंदिर में इन सभी का योगदान मिलना चाहिए , झूठ से बचकर इनका गुज़ारा नहीं हो सकता है । आप निसंकोच आकर मुझे मिल सकते हैं , अगर चाहोगे तो आपका नाम किसी को पता नहीं चलेगा । मेरे पास कोई सीसी टीवी कैमरे नहीं हैं और न ही झूठ के देवता के मंदिर में लगाए जाएंगे कभी भी । सहयोग जिस तरह भी चाहो दे सकते हैं । सोचना नहीं इस को लेकर , झूठ पर मगज़मारी नहीं करते हैं । सच किसी काम का नहीं है सिर्फ झूठ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकता है । झूठ को गुणगान की आवश्यकता नहीं हर तरफ उसी के चाहने वाले झूठ पर झूठ बोलकर बहुत खुश हैं सच से लोग घबराते हैं झूठ को गले लगाते हैं ।
1 टिप्पणी:
हा हा हा...बहुत सही👌👍👍
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