कौन सही है अटल बिहारी वाजपेयी जी या मोदी जी- डॉ लोक सेतिया
अभी अभी मैंने वाजपेयी जी का भाषण का विडिओ देखा सुना , जिस में वो आज़ादी के पचास साल पूरे होने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव में विरोध करने को हम बाकी जो भी कहें , मैं मानता हूं कि कोई भी ये नहीं कह सकता कि देश में विकास नहीं हुआ है। देश ने बहुत कुछ हासिल किया है और अगर कोई इसको नहीं मानता तो वह देश के किसानों मज़दूरों और तमाम आम लोगों की मेहनत और लगन को अपमानित करता है। आज मोदी जी को अपने जन्म दिन पर अपने दल के सब से महान नेता की बात सुन कर देश से क्षमा मांगनी चाहिए अपने तीन साल के झूठे प्रचार और तमाम अनुचित कामों के लिए। आपने तीन साल में क्या किया है आज मैं समझाता हूं। आपने देश के प्रधानमंत्री के पद को उपहास का पात्र बना दिया है। झूठ कपट और अपनी हर बात से मुकरना कभी इस पद पर किसी ने नहीं किया पहले। वंशवाद की बात क्या आपने तो चुनाव और संविधान को अपने पसंद के चाटुकारों को मनोनित करने ही नहीं उनके अपराधियों के साथ देने तक पर खामोश रहकर बचाव किया है। हरियाणा की बदहाली आपके कारण ही है क्योंकि सत्ता उसी को मिली जो आपके लिए निष्ठा रखते न कि देश समाज के लिए। इक चुटकुला बेहद मशहूर रहा है , जो आप पर लागू होता है , सुनाता हूं।
कई देशों के विज्ञानिक जमा हुए अपना अपना कौशल दिखाने को। एक देश वाले ने बाल जितनी बारीक स्टील की तार बनाकर दिखाई। दूसरे देश वाले ने और अधिक अच्छा कर दिखाया , उस तार में सुराख बना दिया। तीसरे की बारी आने पर उस ने उसी में बांसुरी की तरह छेद करने का कौशल दिखाया। जब भारत की बारी आई तो उस भारतीय ने उस पर मेड इन इंडिया की मोहर लगा दी।
तीन साल से आप भी सब पुरानी सरकारों को बदनाम करते आये हैं और उन्हीं की बनाई सभी चीज़ों पर अपने नाम की मोहर लगाते आये हैं। जो अपने से पहले वालों का आदर नहीं करता और खुद को ही महान बतलाता है भविष्य में उसको यही लौटना भी होता है इतिहास में। आदर चाहते हैं तो आदर देना सीखो।
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