अप्रैल 19, 2013

आबरू तार तार खबरों में ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

आबरू तार तार खबरों में ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया "तनहा"

आबरू तार तार ख़बरों में
आदमी शर्मसार ख़बरों में ।

शहर बिकने चला खरीदोगे
लो पढ़ो इश्तिहार ख़बरों में ।

नींद क्या चैन तक गवा बैठे
लोग सब बेकरार ख़बरों में ।

देख सरकार सो गई शायद
मच रही लूट मार ख़बरों में ।

आमने सामने नहीं लड़ते
कर रहे आर पार ख़बरों में ।

झूठ को सच बना दिया ऐसे
दोहरा बार बार ख़बरों में ।

नासमझ कौन रह गया "तनहा"
सब लगें होशियार ख़बरों में । 
 
 Kolkata Doctor Rape-Murder Case: "Horrifying Reminder Of Humanity's Lowest  Points" | HerZindagi

कोई टिप्पणी नहीं: