नवंबर 01, 2023

प्यार का पहला मधुर अहसास बहुत है ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया

  प्यार का पहला मधुर अहसास बहुत है ( ग़ज़ल ) डॉ लोक सेतिया  

प्यार का पहला मधुर अहसास बहुत है 
याद रखने को वही मधुमास बहुत है । 
 
आपके इस शहर की पहचान अलग है 
काम की बातें नहीं बकवास बहुत है । 
 
रास्तों पर हैं खड़े बस सोच रहे हैं 
चाह उसकी है सभी को ख़ास बहुत है । 
 
दोस्तों के घर भले ही दूर हों कितने 
दिल में चाहत है तो लगता पास बहुत है । 
 
मिल जिन्हें सत्ता गई तकदीर है उनकी 
आम लोगों को मिले बनवास बहुत है । 
 
ख़ास लोगों की नई संसद है बनाई 
आम लोगों का किया उपहास बहुत है । 
 
हैं सभी आज़ाद ' तनहा ' ख़ौफ़ में लेकिन 
ज़ुल्म बढ़ता जा रहा पर आस बहुत है । 
 

 

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