मार्च 16, 2023

एंटी-रिश्वतखोरी वायरस औषधि ( तीर निशाने पर ) डॉ लोक सेतिया

 एंटी-रिश्वतखोरी वायरस औषधि ( तीर निशाने पर ) डॉ लोक सेतिया 

आख़िर देश को लूटने वालों घूसखोरों घोटालेबाज़ों से जनता को बचाने का उपाय खोज लिया गया ।  ये एक औषधि है जिस का उपयोग सिर्फ भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए ही नहीं बल्कि अदालत में झूठी गवाही से लेकर जाली दस्तावेज़ नकली नोट और किसी की भी झूठी गलत रिपोर्ट को परखने उसे पूरी तरह से जड़ से मिटाने का काम कर सकती है । सफलता पूर्वक आज़माने के बाद सरकार से इस का उपयोग करने की इजाज़त मांगी गई है । शोध से प्रमाणित हुआ है कि एक बार इस औषधि की खुराक देने के बाद महारिश्वतख़ोर भी पूरी तरह से ईमानदार बन कर अपना फ़र्ज़ बिभाने लगता है और रिश्वत शब्द सुनते ही उस के भीतर उसकी आत्मा उसका विवेक उसको रोकने में कामयाब हो जाता है । मन में काली कमाई की बात आते ही उसको घबराहट बेचैनी होने लगती है और चेहरे का रंग बदरंग लगने लगता है जिस से सामने खड़ा व्यक्ति आस पास के लोग पहचान सकते हैं कि उसकी नीयत खराब है । किसी तरह इन सब को अनदेखा करते हुए कोई भूलकर गलती से भी रिश्वत लेता है तो औषधि का असर सामने आता है और उसको सीने पर भारी बोझ लगने लगता है जिस के कारण वो कुछ भी खा पी नहीं सकता है । बस सभी सरकारी विभाग के हर एक अधिकारी हर इक कर्मचारी को ये औषधि लेना अनिवार्य किया जा सकेगा और जो इनकार करेगा उस को नौकरी छोड़नी पड़ेगी । सरकारी कर्मचारियों के अलावा निजी कंपनी तमाम बड़े उद्योग या निकाय के स्टॉफ  से लेकर अदालत के सभी न्यायधीश वकील से स्टाफ़ तक को औषधि की खुराक देने से न्याय बिल्कुल सही और बिना देरी मिलने लगेगा क्योंकि सबकी सच्चाई या कोई चालाकी तुरंत पकड़ी जाएगी । ठीक कोरोना की वैक्सीन की तरह औषधि देश की जनता को देने से देश समाज से बेईमानी अपराध धोखाधड़ी का अंत हो जाएगा और कोई भी न रिश्वत मांगेगा न कोई रिश्वत दे कर अनुचित ढंग से फायदा उठाएगा । भूखे मरने का भय किसी को कुछ भी अनुचित नहीं करने देगा । 
 
विषय अति संवेदनशील है सरकार को हर कदम संभल संभल कर रखना पड़ता है , गोपनीय ढंग से उच्च स्तर की समिति गठित की गई है जो इस पर कैसे कारवाई हो से लेकर सभी पहलुओं पर विचार करेगी । सरकार ने चिंता जताई है कि कहीं औषधि नेताओं पर सांसदों विधायकों पर उपयोग करनी पड़ गई तब देश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है । शोध करने वाले विशेषज्ञों ने चौंका दिया है ये सुझाव देकर कि पहले इस समिति के सभी सम्मानित सदस्यों को औषधि की खुराक दी जाए ताकि उनका निर्णय शत प्रतिशत सही और निष्पक्ष होकर जारी हो सके , साथ ही प्रमाणित भी हो जाएगा कि सरकार दल या शासक किसी का कोई दबाव उन पर कोई प्रभाव नहीं कर सकेगा । सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा दिया है ये अनहोनी घटना लग रही है जिस से चर्चा की कोई समिति का सदस्य बनने को तैयार नहीं है , सभी का कहना है उनका ऐसा कोई अनुभव नहीं है इस पर जानकार लोगों को नियुक्त किया जाए । हैरानी है लोग खुद को नाक़ाबिल घोषित कर रहे हैं । जैसा होता है मीडिया के जासूस भीतर की खबर ले आते हैं और ब्रेकिंग न्यूज़ बना देते हैं इस बात पर खबर सवालिया निशान लगाकर फैलाई गई है कि क्या वास्तव में ऐसा कोई प्रयोग सफल हो गया है । 
 
सरकार को मामला गंभीर लगा है इसलिए ख़ास ख़ास टीवी अखबार मीडिया वालों को बुलाया गया है ।  उन से कहा गया है कि जिस किसी को इस पर सवाल पूछना है उसको लिखित देना होगा कि अगर सच में ऐसी कोई औषधि बनाई गई है तो वो औषधि की खुराक लेने पर सहमत हैं और तभी सवालात की झड़ी लगा सकते हैं । अब आया ऊंठ पहाड़ के नीचे सभी सकते में हैं इतनी ख़ामोशी छाई है कि सबकी घटती बढ़ती सांसों की आवाज़ सुनाई देने लगी है । सरकारी प्रवक्ता ने चटखारा लेते हुए कहा है कि आपको सांप क्यों सूंघ गया है ज़रा सा मज़ाक सुन कर सिट्टी पिट्टी गुम हो गई सोचो इतनी ऊल - जुलूल खबरें बनाते रहते बेसिर पैर की जनता की क्या हालत होती होगी । पहली बार सवाल करने वालों से सवाल किया गया तो उनको लगा जैसे नीचे से ज़मीन खिसक गई है । 
 
 सरकार भी चलती नहीं है कोई और कहीं से चलाता है जो कभी किसी को सामने दिखाई नहीं देता उसको बिग बॉस कहते हैं । बिग बॉस का हर आदेश आखिरी होता है जिनको समझ नहीं आया उनको टीवी शो बिग बॉस की पुरानी कड़ियां देखनी चाहिएं । इस साल बिग बॉस के लिए इक गाना भी सुबह जागते ही गाया जाता था उसकी महिमा का वर्णन करते हुए । सरकार को अपने इशारे पर चलाने वाले बिग बॉस ने आकाशवाणी की तरह निर्णय सुनाया है कि हमारा देश कोई इतना बड़ा जोखिम नहीं उठा सकता है और जिस औषधि की खोज की गई है उस पर प्रतिबंध लगाया जाता है और भविष्य में कभी ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जाएगा ये तय किया जाता है । जितनी औधधि बनी थी नष्ट कर दी गई है लेकिन बिग बॉस ने औषधि का फॉर्मूला अपनी तिजोरी में बंद कर रख लिया है क्या करना है वही जानता है आखिर बिग बॉस सबका मालिक है जो उसकी मर्ज़ी कर सकता है । सभी लोग जिनको इस की जानकारी मिल गई किसी तरह से चाहते हैं कि इस को झूठी अफ़वाह की तरह भुला देना अच्छा है सबकी भलाई इसी में है ।  राज़ की बातें खुलने लगीं तो अंजाम क्या होगा ये सच सब को डराता है । 



 
 

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