सितंबर 06, 2018

हम कमाल करते हैं ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया

         हम कमाल करते हैं ( व्यंग्य ) डॉ लोक सेतिया 

    लोग सारे सवाल करते हैं , सरकार कितना बेहाल करते हैं । कौन समझाए करते क्या हैं जनाब , कुछ नहीं करते यही कमाल करते हैं । ऐसा भी नहीं कि उनको करना नहीं कुछ भी , ये भी नहीं कि कर दिखाना नहीं चाहते कुछ । समस्या है अभी तक उसी समस्या में उलझे हैं कि हमने वो करना है जो 67 सालों में पिछली सरकारों ने किया नहीं है । पहले देखना है जो जो पिछली सरकारों ने किया , हमारे अनुसार वो कुछ भी नहीं किया , उसको छोड़ बाकी कोई काम है जिसे सिर्फ हमीं करंगे ।  हमने कहा और समझा यही है कि हमसे पहले किसी ने कुछ भी नहीं किया और देश हमारी राह देख रहा था हम आएंगे और अच्छे दिन लाएंगे । आज आपको अच्छे दिन की कथा सुनाएंगे । सारे बहरे सुनेंगे जब सारे गूंगे गाएंगे । गूंगे निकल पड़े हैं ज़ुबां की तलाश में , सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिये । सोशल मीडिया पर वही रहते हैं जो खाली होते हैं , ये बात कोई पुराने उद्योगपति कहते हैं । हम आधुनिक युग में रहते हैं मन की बात दुनिया से कहते हैं । हमने ये भी कमाल किया है धोती को रुमाल किया है , रेडिओ को सीधा टीवी पर लेकर जाने किसका क्या हाल किया है । पहले किसी ने किया ऐसा बोले रेडिओ पर सुनाई टीवी पर दे , पहले टीवी पर भाषण या खेल का प्रसारण किया जाता तो रेडिओ पर आवाज़ सुनाई जाती थी , ताकि जिनके पास टीवी नहीं वो भी जान सकें । 

            चार साल पहले की बात है सिंघासन पर बैठते ही ऐलान किया था , हम शोले फिल्म के जेलर की तरह पहले के सभी जेलरों से अलग हैं । हमारी जेल में कैद सभी को समझ लेना चाहिए कि हमारे होते परिंदा भी पर नहीं मार सकता है चप्पे चप्पे पर हमारी नज़र है । अभी तक देश में कुछ भी नहीं हुआ है और हमने वही कर दिखाना है जो अभी तक किसी ने किया नहीं है । सभी अधिकारियों को बुलाया और कहा बताओ जो अभी तक नहीं हुआ है हम कर दिखाएंगे । किसी ने कहा अभी शिक्षा के लिए विद्यालयों की कमी है , अस्पतालों की बहुत कमी है , सुरक्षा और न्याय जनता को मिलने की बेहद कमी है । मतलब अभी तक स्कूल कॉलेज अस्पताल बनवाये ही नहीं गए । जी नहीं बहुत बनाये गए हैं मगर अभी बहुत और ज़रूरत है बनवाने चाहिएं । नहीं नहीं जो पहले बने हम भी वही और नहीं बनाएंगे , संख्या की बात होगी तो हम टिक नहीं पाएंगे । हमने सोच लिया है हम बहुत ऊंचा बुत बनवाएंगे , उनको उनकी उलझनों में उलझायेंगे । मगर इसके लिए महान नेता किधर से लाएंगे , हमारे पास कोई नहीं है तो उनके गांधी पटेल को चुरायेंगे अपनाएंगे । गोडसे को भी नहीं भुलाएंगे अब अपनी सरकार है तो गांधी का नाम भी लेंगे और उनके कातिल का मंदिर भी बनवाएंगे । जो पहले नहीं हुआ हम कर दिखलाएंगे । पहले कोई कोई अख़बार टीवी वाला सरकारी तोता हुआ करता था , बाकी सरकार को आईना दिखाते थे और जनता की वास्तविकता सामने लाते थे । अब कौन है जो अबनिका है हर तरफ इसकी चर्चा है । हमने सबको मालामाल किया है इतना बढ़िया कमाल किया है । जिनके गले में रस्सी कोई नहीं बांध सका उनका हमने शिकार किया है । आज किसी को उनका भरोसा नहीं रहा , जिन पर पहले सभी ने ऐतबार किया है । हमने हर दिन हर किसी के ऐतबार का शिकार किया है । किसी ने जो नहीं किया हमने पहली बार किया है । देश में निष्पक्ष पत्रकारिता का निशान तक मिटाया है सच को झूठ साबित कर सब बंटाधार किया है , सिर्फ इश्तिहार का व्यौपार किया है विज्ञापनों की लूट का कीर्तिमान स्थापित कर हर चोर को साहूकार किया है । स्वास्थ्य विभाग को ज़िंदा रहने दिया बस लाईलाज रोग का उसे बीमार किया है । 

              महिला उद्धार की बातों को देखो कैसे बेकार किया है । बिना तलाक दिये छोड़कर भी दावा भी है उपकार किया है । गंगा मां के बुलावे का कितना हमने प्रचार किया है , गंगा को पूछना किस तरह सफाई की बात कर उसको और बेकार किया है । दाग़ी नेताओं की खातिर नया अविष्कार किया है , खुद नहला धुला पद देकर चमकदार किया है । हमने हर जगह अपनी पसंद के लोगों को बड़े बड़े पदों पर बिठाया है , चयन को नहीं मनोनयन को आधार बनाया है । संविधान किसने पढ़ा है किसने पढ़ाया है । हमने चलन अपना देश भर में चलाया है । जो हमारी बात नहीं समझता मानता अपना नहीं पराया है , हमारे अपनों से पूछो क्या क्या सितम नहीं ढाया है । हमने धूप में सभी को खूब जलाया है , यही हमारा साया है ये भी कहलवाया है । यहां दरख्तों के साये में धूप लगती है , दुष्यंत कुमार की बात सच कर दिखाया है । 

             बांध पुल सड़कें बिजली परमाणु बंब और विज्ञान की उन्नति की है पहले की सरकारों ने , हम मंदिर मस्जिद गाएंगे और अपनी सत्ता को बढ़ाएंगे । गरीबी भूख को नहीं मिटा सकते तो जनता की उलझनों को और बढ़ाएंगे , महंगाई और असमानता को शिखर पर ले जाएंगे । पेट्रोलियम के दाम कभी नहीं घटाएंगे और रूपये को निचली पायदान पर खड़ा कर दिखाएंगे । किसान ख़ुदकुशी करें मज़दूर महनत के दाम की बात करें लोग चाहे जैसे जिएं मरें हम बांसुरी बजाएंगे । विदेशों की सैर पर देश की दौलत उड़ाएंगे , अपनी छवि को इतना चमकाएंगे , सारे टीवी चैनल अख़बार अपना फ़र्ज़ भूल कर हमारे तलवे चाटेंगे हमारे गुण गाएंगे । हमको देख कर मॉडलिंग करने वाले भी शर्मायेंगे , हम दिन में इतनी बार पोशाक बदल कर सामने आएंगे । हम संसद नहीं जाने वाले सांसदों में अपना नाम लिखवाएंगे और अपनी सोभा बढ़ाएंगे , कहने को ही मज़बूरी में संसद या पीएमओ जाएंगे , हम अठारह घंटे काम करने की अफवाह उड़ाएंगे , मगर अठारह घंटे किया क्या नहीं लोग समझ पाएंगे । हम सबको बुरा साबित करने को खुद अपनी महिमा गाएंगे मियां मिठू बन जाएंगे ।

         विकास की अपनी परिभाषा समझाएंगे और झूठ बोलने में स्वर्ण रजत ताम्र पदक सभी खुद पाएंगे । झूठ नहीं कहा था अच्छे दिन लाएंगे , लोग बदहाल हम आनंद मनाएंगे । मन की बात कहेंगे मगर मन में क्या है नहीं बताएंगे । पांच साल जब बीत जाएंगे तब सोचेंगे देश को क्या दिखलाएंगे । राज़ की बात तब समझायेंगे , जो जो पहले हुआ उसे नहीं करना और जो हुआ नहीं उसे तलाश करने में पांच साल गुज़र जाएंगे । अब तक नहीं मालूम करना क्या है जो हुआ नहीं पहले जल्दी उसका पता लगवाएंगे । अगली बार जीत गए तो ज़रूर कुछ कर दिखलाएंगे । कमाल करने वाले कमाल करते जाएंगे । सच तो ये है कि पिछली सरकारों ने देश में बहुत कुछ किया है अच्छा भी बुरा भी , हमने ठानी है उनकी नहीं मानी है । सबको ठेंगा दिखाया है बिना कुछ किये काम किया है बदनाम भी हुए तो नाम कमाया है । चौकीदार बनकर चोरों का साथ निभाया है । आपकी खातिर बनाया क्या नहीं मालूम , मगर हर दिन बहुत कुछ ढाया है । डरता मुझसे खुद मेरा भी साया है , किसी ने ये रुतबा अभी तलक नहीं पाया है । मनघड़ंत इतिहास सबको समझाया है नहीं खुद को इतिहास समझ आया है । कौन है अपना कौन पराया है ये हमारा राज़ कभी कोई नहीं जान पाया है जनता ने जितना खोया है हमने सरकार बनकर उतना पाकर अपना गौरव बढ़ाया है । बहुत लंबा शाम ढलते हुआ साया है । 

Best Sher On Evening - Amar Ujala Kavya - सुहानी सांझ और ये 20 बड़े शेर...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें