अगस्त 19, 2012

POST : 53 वो दर्द कहानी बन गया ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया

वो दर्द कहानी बन गया ( नज़्म ) डॉ लोक सेतिया 

वो दर्द कहानी बन गया
इक याद पुरानी बन गया ।

पत्र जो वापस मिला मुझे
वो उसकी निशानी बन गया ।

उसकी महफ़िल में जाना ही
मेरी नादानी बन गया ।

लबों तक बात आ न सकी
पलकों का पानी बन गया ।

उनका पूछना हाल मेरा
इक मेहरबानी बन गया । 
 

 

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