अप्रैल 13, 2020

कोरोना के अंत के बाद ( तरकश ) डॉ लोक सेतिया

       कोरोना के अंत के बाद ( तरकश ) डॉ लोक सेतिया 

अंत होना ही था हर बुराई हर रोग हर समस्या का कभी न कभी आखिर ख़ात्मा होता ही है। ये तब की बात है जब विश्व में सभी देश की जनता और सरकारों ने कोरोना नाम की चीज़ को जड़ से मिटा दिया है। अब जब दुनिया के तमाम लोग फिर से ज़िंदगी की लड़ाई लड़ने लगे हैं वहीं कुछ लोग जो खुद को आम इंसानों से अलग और बड़ा महान और महत्वपूर्ण मानते हैं जिनका निधन होने पर शोर होता है उनके निधन से जो क्षति समाज को हुई है उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। बाद में उनके नाम के भवन मूर्तियां बुत और सरकारी योजनाओं का नाम से पार्क चौराहे का नाम रखते हैं। मगर सच यही है कि ये सब फज़ूल ही है जैसे आपने समझा भी होगा शाहजहां ने ताजमहल बनवाया मगर मुमताज को उस से क्या मिला। दुनिया देखती है मुमताज ने नहीं देखा इसलिए मुझे हमेशा लगता है अपनी पत्नी को इक छोटा सा घर बनवा कर देना अधिक अच्छा है उसके रहने को न कि उसके बाद उसकी याद में कोई महल बनवाने का काम करना। 

      बाद ए फ़नाह फज़ूल है नामो - निशां की फ़िक्र , जब हमीं न रहे तो रहेगा मज़ार क्या। 

शायर की बात उचित है। बादशाहों की तरह राजसी ढंग से जीने वाले तमाम ऐसे बड़े नाम पद या शोहरत वाले धनवान लोगों को कोरोना के अंत के बाद भी चिंता है जाने कब किसी और तरीके से यमराज आ कर उनको अपनी खूबसूरत दुनिया से दूर किसी और दुनिया में ले जा सकते हैं। इसलिए इन सभी की खातिर कोई ऐसी जगह उनके निवास को तलाश की जाए जिस जगह यमराज उन तक नहीं पहुंच सकते हों। धरती पाताल समंदर सब जगह सुरक्षित नहीं समझी गईं मगर अभी अंतरिक्ष को लेकर कुछ एक घटनाओं को छोड़ कोई ऐसी बात नहीं दिखाई दी और जो भी घटना या दुर्घटना अंतरिक्ष में हुई उस में भी मौत धरती पर समंदर में गिरकर या किसी पाताल में समाने जैसा ही हुआ है। चांद और मंगल पर जीवन संभव है या नहीं अभी मुश्किल है मगर अंतरिक्ष में जितने दिन चाहें लोग रहते ही नहीं रहे जो जो भी करना था करने में सफल रहे हैं। 

अब इन सभी लोगों को जिनका रुतबा वास्तव में भगवान खुदा जैसा ही है ऐसी किसी जगह बस्ती कॉलोनी या कोई निवासीय सोसाइटी निर्मित कर बसाने का उपाय किया जा सकता है। उनको अपने सभी काम धंधे कारोबार या शासन या शासकीय व्यवस्था चलाने को धरती पर आने की ज़रूरत ही नहीं होगी और ऊपर अंतरिक्ष से ही अपना सब कार्य अपनी एप्पस या इंटरनेट से संपर्क कर करेंगे। अभी तक लोग अपने पास थोड़ा पैसा जमा होने पर देश विदेश घूमने जाते थे अब उनको अंतरिक्ष में घर नहीं मिलने का नियम होने के बाद भी जाकर देखने की अनुमति मिल सकेगी। चेतावनी ज़रूरी है कि कोई जायदाद ज़मीन बेचने खरीदने का दलाल आपको ठग सकता है अंतरिक्ष में प्लॉट दिलवाने की बात कहकर जबकि वहां आम इंसान को आम आदमी को रहने को किराये पर भी जगह देना निषेध होगा। लुटियन ज़ोन की तरह आपको देखने की अनुमति मिल सकती है भीतर जाने को इजाज़त भी नियत समय तक देख बाहर निकलना होगा। 

     नाम बताने की ज़रूरत नहीं है आज विश्व के बड़े बड़े देशों के महान शासकों से उनकी दोस्ती दोस्ती फिल्म के दो दोस्तों या फिर शोले फिल्म के जय वीरू से भी अधिक है। इतनी है कि कोई अपनी मांग नहीं मानने पर अंजाम की धमकी देता है और जिसको धमकाया गया वो मान जाता है मगर दोस्त की धमकी को धमकी नहीं मज़ाक मानकर बदले में वही दोस्त अपनी मनवाने के बाद दोस्ती की बात कहते हुए और पक्की यारी की बात कहता है। ऐसे जिन देशों के शासकों से उनकी गाढ़ी छनती है जो चुनाव के समय भी दो देशों की आपसी संबंधों में दलगत विषय से परे देशों की आपसी दोस्ती के उसूल को नहीं जानते और आपसी भाईचारा निभाने अपने दोस्त की राजनैतिक सभाओं में जाकर उनका साथ देते हैं को भी अंतरिक्ष में हम सब साथ साथ हैं की मिसाल बनाते हुए शामिल किया जाना है। चांद के पार चलो आशिक़ कहते थे ये दोस्त अंतरिक्ष को सब यार चलो का गीत मिलकर गाएंगे। हम घर दफ्तर वहीं बनाएंगे जिस जगह मौत के फ़रिश्ते भी देखने से घबराएंगे। जनाब ने अपने पुराणों की बात से सभी को भरोसा दिलवाया है कि हमारे यहां काल अर्थात मौत के फ़रिश्ते को भी बंधक बनाकर रखने का कीर्तिमान किया जा चुका है अगर अंतरिक्ष में यमराज का कोई दूत आएगा तो वापस नहीं जाने पाएगा। शक्तिमान टीवी सीरियल की नहीं देशों के शासकों की बात हो रही है कि ये समस्या खड़ी होनी ज़रूरी है कि सबसे अधिक शक्तिमान कौन है। अर्थात उनकी बनाई मायानगरी से उनका शासन तो चलेगा मगर उस अंतरिक्ष की नगरी का राजा कौन होगा। अब मुझसे बढ़कर भला कौन हो सकता है उनका दावा है रहेगा यही इक विषय है जिस पर एकमत नहीं हुआ जा सकता है। कोई भी खुद को नंबर वन से कम नहीं समझता है और बारी बारी बनने की भी सहमति नहीं हो सकती क्योंकि सभी जानते हैं इक दूसरे को इक बार सत्ता हथिया ली तो हटने को तैयार नहीं होगा कभी कोई।


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