भगवान से कितनी बड़ी भूल हुई ( विमर्श ) डॉ लोक सेतिया
कोई है जिसने दुनिया बनाई होगी , सभी मानते हैं मगर यकीन नहीं करते या सोचते हैं अभी तो सामने नहीं है अगर किसी दिन होगा आमना-सामना तो मना लेंगे। अभी तो मौज उड़ा लें दिल की दिमाग की अपने मतलब की मनमानी की बातें कर लें। पर ऊपर बैठा पछताता होगा ऊपर वाला अपनी सबसे बड़ी भूल इंसान बनाने की करने को लेकर। इंसान बनाया था मगर इंसान क्या बन गया है कैसे बन गया इंसान में इंसानियत का नाम नहीं है। चलो आज भगवान की नहीं खुद इंसान से इंसान की कथा कहानी नहीं हक़ीक़त जानते हैं।
मैं किसी और की नहीं खुद अपनी ही बात करने चला हूं। क्या मैं इंसान कहलाने के काबिल रह गया हूं। लगता तो नहीं मुझ में आदमी इंसान होने की कोई निशानी बची हुई होगी। शायद इस पल कुछ लम्हें को थोड़ी सोई हुई शराफत जागी है जो आज सच कहने का साहस जुटा पाया हूं। खुदा की इबादत वतन की अपनी धरती की मुल्क की मुहब्बत जो भी कारोबार व्यौपार करता हूं उसकी इज्ज़त हर रिश्ते की कीमत को मैंने अपने स्वार्थ की खातिर तहस नहस कर डाला है। उसकी ऊपर वाले की इबादत को भी आडंबर दिखावा बना दिया है उसके नाम पर हैवानियत तक करने लगे हैं। सियासत को ऐसी मंडी बना डाला हैं जहां देशभक्ति देश के प्यार का लेबल लगाकर अपने ज़मीर को बेचते हैं शैतान भी जो करने से बचेगा राजनीति उस से भी बढ़कर नीचे गिर कर सब करती है। विवेक बचा नहीं है ऊंचे सिंहासन पर बैठ कर खुद को कितना बौना बना डाला है।
शिक्षा को लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने को हमने लूट और धन दौलत कमाने का साधन बना लिया है। गुरु होना धरती पर भगवान का दूसरा रूप होना अपनी पहचान छोड़ इंसान भी नहीं रह गए हैं। मुहब्बत इश्क़ प्यार जो जीवन का आधार था एक दूसरे की खातिर सब छोड़ने का चलन था खुद उसको ही हमने विश्वास के लायक नहीं रहने दिया है। जिसे प्यार करने का दम भरते हैं उसी को छलने लगे हैं। जब इंसान इंसान का दुश्मन बन गया है तब दुनिया रहने के काबिल रही नहीं है जीने के लिए तो कोई जगह ही नहीं छोड़ी है। आदमी आदमी को क्या भगवान तक को धोखा देने की बात करता है अपने जन्मदाता को शर्मसार करते हैं। भगवान को खुद समझ नहीं आ रहा इतनी बड़ी भूल क्योंकर की थी। आदमी दुनिया की सर्वोतम रचना सोचकर बनाया था आज सबसे ख़तरनाक़ जीव बन गया है। भगवान भी इंसान से घबराने लगे हैं जाने किस दिन उसको भी बदलने में सफल नहीं हो जाएं और दुनिया पर शैतान का शासन चलने लगे। अभी भी इस में कोई कमी तो नहीं रही है , हर जगह नाम भगवान का है नज़र तो शैतान ही आता है।
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