मई 18, 2020

केबीसी अमिताभ-मोदी कोरोना ( एपीसोड ) डॉ लोक सेतिया

   केबीसी अमिताभ-मोदी कोरोना ( एपीसोड ) डॉ लोक सेतिया 

आज का एपीसोड हमारे खास मेहमान आदरणीय मोदी जी के साथ है। हम दोनों मिलकर कौन बनेगा करोड़पति का खेल खेलेंगे। नियम औरों के लिए होते हैं मोदी जी और खुद अमिताभ बच्चन हर नियम से ऊपर हैं। समय की भी कोई सीमा नहीं है और लाइफलाइन भी अपनी एप्प्स से लेकर किसी से भी जानकारी ले सकते हैं। कोई समस्या होने पर अमेरिका के ट्रम्प जी विशेषज्ञ भी हैं राय देने को। चलिए खेल की शुरआत करते हैं तालयों से स्वागत करते हैं मोदी जी का। मोदी जी आते हैं आते ही अमिताभ की कुर्सी की तरफ बढ़ते हैं अमिताभ जी कहते हैं जनाब उधर सवाल करने हैं मेरे कंप्यूटर जी पर आपको सामने जवाब देने को उधर बैठना है। मोदी जी याद दिलाते हैं आप भूल गए यहां नियम आपके नहीं मेरे बनाये लागू होंगे। आपको समझना होगा मुझे किसी को जवाब नहीं देने होता है मुझे सवाल खुद उछालना और खुद ही जवाब भी देना होता है। जी आपकी बात सच है मगर यहां दर्शक हैं सबके सामने अंदर की बात नहीं की जा सकती आप जो सवाल चाहते हैं वही सवाल होंगे चिंता मत करें निवेदन है। मोदी जी हंस दिए ये तो केवल मज़ाक था आप नाहक घबरा गए। वाह क्या बात है ऐसे समय भी आपका हंसी-ठट्ठा कायम है कमाल है लोग अब कोरोना के डर से चुटकुले भी शाकाहारी भेजते हैं। चलिए आप और हम शुरू करते हैं कौन बनेगा करोड़पति। दर्शको को बता देते हैं यहां धनराशि की कोई सीमा नहीं है और जितनी भी राशि मोदी जी जीतेंगे उसका उपयोग कोरोना फंड में किया जाएगा। 

मोदी जी पहला सवाल खज़ाने की खुदाई को लेकर है। ख़ज़ाना कहां है खुदाई कौन कर रहा है और खज़ाने का राज़ क्या है। आपके पास चार ऑप्शन हैं आप बताएं किस को लॉक करना है। इस से पहले की अमिताभ जी ऑप्शन का विवरण बनाते मोदी जी ने पूरक सवाल पहले ही करने का अधिकार उपयोग करने का बटन दबा दिया। मोदी जी कहने लगे कि लॉक डाउन की तरह लॉक करने के ऑप्शन कितने हैं मेरे सिवा कोई नहीं जानता है। आपको ऑप्शन की संख्या को अभी छोड़ देना चाहिए और बताते रहो क्या क्या जवाब मुमकिन है चार नहीं दस बीस जब तक सही जवाब नहीं आता और सही जवाब क्या है ये भी मुझे तय करना है जो मुझको हो पसंद वही सही जवाब। ठीक है जैसा आपका निर्देश है , अब आप बताएं खज़ाना बीस लाख करोड़ का है , या खज़ाना कितना है खुदाई के बाद मालूम होगा , या खज़ाना खाली है केवल तिजोरी की चाबी है , या खज़ाना खो गया कोई लूट गया है अब खज़ाना कागज़ भर है , या खज़ाना इक ख्वाब है जनता को दिखाने को , हाथी के दांत की तरह है खज़ाना खाने वाले दांत नज़र नहीं आते दिखाने वाले दिखला रहे हैं। मोदी जी ने कहा आपको अभी सही जवाब का ऑप्शन नहीं मिला चलो मैं खुद बता देता हूं। इतने साल में जितनी कमाई आपकी हुई और चैनल वालों की हुई वही ख़ज़ाने की सही धनराशि है और उस में से जितना उनको मिला जो खिलाड़ी बनकर खेलने आये ऊंठ के मुंह में जीरे की तरह उतना ही हिस्सा जनता को मिलना है। अमिताभ बच्चन जी ओह तो ऐसा है ज्ञान की बात अवसर देने की बात भाग्य की बात सब बकवास है असली बात धंधे की है।

चलो मोदी जी अब अगला सवाल बेहद महत्वपूर्ण है। कोरोना क्या है कैसे कोरोना की माहमारी ने आपको राहत दी है जो आपकी सरकार के मुरझाए चेहरे खिल उठे हैं। कोरोना क्या सच आपकी सरकार के लिए मौके पर आया है और इसका अंत कब कौन कैसे करेगा। मोदी जी कहने लगे कोरोना को आप जैसा चाहे देख सकते हैं कोरोना क्या है ये आपकी सोच पर निर्भर करता है। कोरोना ने अच्छा किया बुरा किया जो भी किया समझने वाले पर है कोरोना ने कितने सबक पढ़ाये सिखाये हैं। बड़ा छोटा सबको बराबर बनाने का कार्य किया है चर्चा का विषय यही रह गया है कोरोना की काली आंधी ने सबकी आंखों में इतनी मिट्टी धूल भर दी है कि अंधकार ही अंधकार है ये भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अटल जी की कविता है। मगर हमने दिव्य दृष्टि हासिल की है और हमने सब साफ देखा है। आपने दूरदर्शन पर महाभारत रामायण का अंत देख लिया है मोदी जी ने अचानक विषय बदल दिया है। अमिताभ बच्चन भी यही करते रहे हैं दर्शकों को बीच बीच में खिलाड़ी को लेकर बनाई फिल्म दिखाने लगते हैं। ऐसे में भावुकता में जो बात हो रही थी पीछे छूट जाती है। मोदी जी ने 90 से अधिक देशो की सैर की है उन के दौरों की झलकियां दिखाई गई हैं। उसके बाद अमिताभ बच्चन ने जानना चाहा आपका शतक अभी अधूरा है अब कब तक सौ देशों की सैर का विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले हैं। कब किस किस देश जाने वाले हैं। कोरोना को किस तरह हारने वाले हैं इस का जवाब मोदी जी बताने वाले हैं तभी हूटर बज गया है। अमिताभ बच्चन कह रहे हैं समय समाप्त हुआ है अब दर्शकों के लिए आज का यही सवाल है। सवाल ध्यान से नोट कर लें और कल रात नौ बजे तक इसका जवाब देना है। ऑप्शन आपके सामने हैं। 1 समझौता कर के  2 लॉक डाउन को और और बढ़ाने से  3 कोई हवन धार्मिक आयोजन कर के 4 बिना उसका अंत किये घोषणा कर कि उसका नामो-निशान मिटा दिया है।



1 टिप्पणी:

Sanjaytanha ने कहा…

हा हा हा..रोचक व्यंग्य👌👍