अप्रैल 12, 2019

कॉमेडी चाहिए भाइयो बहनों ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया

  कॉमेडी चाहिए भाइयो बहनों ( हास-परिहास ) डॉ लोक सेतिया 

      पांच साल में हमने क्या किया सब जानते हैं। अभी तक सभी नेताओं ने आपको निराश किया उदास किया मैंने पहली बार इतिहास का नया अध्याय लिखा है कॉमेडी करने का कीर्तिमान स्थापित रचा है। किसी भी नेता ने शायद इस बात को समझा ही नहीं कि हंसना हंसाना कितना महत्वपूर्ण कार्य है। हास्य कलाकार आपको दुःख दर्द परेशानी भूलकर खुश होना सिखलाता है। साहस का काम है ऊल जुलूल बातें हरकतें करना खुद अपने आप का उपहास बनवाना और सबको मज़ाक उड़ाने का अवसर उपलब्ध करवाना। सच बोलना कोई कठिन काम नहीं है सफ़ेद झूठ बोलना वो भी इस वास्तविकता को जानते हुए कि लोग झूठ को समझते हैं और हंसेंगे हर झूठ पर। शुरुआत ही जिन अच्छे दिनों के ख्वाब से की थी जुमला नहीं था मज़ाक था देश की जनता के साथ। दिन अच्छे बुरे नहीं होते हैं दिन सभी दिन और रातें सभी रातें होती हैं , कभी दिन में अंधेरा छाता है कभी रातों को चकाचौंध रौशनी की जगमगाहट भी होती है। हालात जिनके अच्छे उन्हीं के दिन रात अच्छे होते हैं। विश्व भर के लोग हैरान हैं जिस देश के सेवक या चौकीदार की इतनी शान आन बान हो उसकी गरीबी रईसी से बढ़कर होगी। देश सेवा देश में रहकर नहीं दुनिया भर की सैर करने से ही संभव है ये किसी को कभी मालूम नहीं था। अब इस से अच्छी बात क्या हो सकती है कि कोई नेता अपने किये वादे निभाने में सफल नहीं हो तब भी उसके नाम का शोर और गुणगान करने वाले वास्तविकता से आंखें मूंदे हुए हों। 

       मुझे समझ आई है ये बात कि देश को शिक्षा रोज़गार स्वास्थ्य सेवाओं पीने का पानी बुनियादी सुविधाओं से अधिक मनोरंजन और कॉमेडी की ज़रूरत है। ज़िंदगी के दुःख दर्द परेशानियों को फ़िल्मी नायक की तरह सिगरेट के धुएं में उड़ा देना वही जानता है जो विवाह करता है मगर घर बार की मुसीबत से जान बचाता पत्नी को बीच मझधार छोड़ देता है। देश को भी उसी तरह से ही भंवर में ला खड़ा किया है अब उनको बचाने वाला दिखाई देता है वही जिसने डुबोया या डुबोने के कगार पर लेकर खड़ा किया है। लता दीदी गाती थी ऐ मेरे दिल ए नादां तू ग़म से न घबराना , इक दिन तो समझ लेगी दुनिया तेरा अफसाना। मेरा अफसाना भी दुनिया याद रखेगी , अफसाना लिख रही हूं दिल ए बेकरार का आंखों में रंग भरके तेरे इंतज़ार का। हम दर्द का अफसाना दुनिया को सुना देंगे , हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे। देश की जनता को दर्द की आदत है सहना जानती है दर्द का रिश्ता सबसे करीब का नाता होता है। आशिक़ हो या माशूका जो भी दर्द देता है तड़पाता है उसी ज़ालिम पर और भी प्यार आता है। मैंने भी जनता को ही नहीं विपक्षी दल वालों को ही नहीं खुद अपने दल के लोगों को भी इतना सताया है कि उनको रात भर सपने भी मेरे आते हैं और नींद चैन सब छीन लिया है। शोले फिल्म का असली नायक गब्बर सिंह ही सबको याद है ठाकुर जय वीरू पीछे रह जाते हैं। बसंती की बात अलग है और अब बसंती मेरे कहने पर नाचती ही नहीं खेत मज़दूर बनकर गेहूं की कटाई तक करती है। देश कितना बदल गया है कि मेरे शासन में हेमा मालिनी फसल काटने को भी हैलीकॉप्टर से उड़कर जाती है। आपको हंसी आने लगी है यही मेरी सफलता है हंसते हंसते कट जाएं रस्ते दुनिया चाहे बदलती रहे। 

                इक पंजाबी कहानी है रात को गांव में कई महमान अचानक चले आये तो घरवाली ने पति को बताया घर में पकाने को कुछ नहीं है खाना खिलाना होगा तो क्या करेंगे। पति ने कहा शराब की बोतलें रखी हैं बस उनको जी भर कर इतनी पिलानी है कि उनको होश ही नहीं रहेगा कि भूख भी लगी है और सुबह होते ही सब लेकर खूब खिला देंगे। और यही किया जिस से अगली सुबह महमान बेहद खुश थे और बड़ी अच्छी सेवा हुई कह रहे थे। मेरी कॉमेडी का नशा घर की बनी देसी दारू से कम नहीं है लोग खुश होकर मुझी को फिर से वोट देकर अपने मनोरंजन का शो जारी रखेंगे कपिल शर्मा के शो की तरह दोबारा हिट रहेगा मेरा भी खेल तमाशा। बताओ भाइयो और बहनों आपको कॉमेडी पसंद है या नहीं है कॉमेडी चाहिए कॉमेडी चाहिए बोलो एक सौ पचास करोड़ देशवासिओ आपको कॉमेडी पसंद है। जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे।

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