आया नहीं दाग अब तक छुपाना ,
मैली है चादर हमें घर भी जाना !
हम ने किया जुर्म इक उम्र सारी ,
बस झूठ कहना नहीं सच बताना !
सुन लो सभी यार मुझको है कहना ,
की जो खताएं उन्हें भूल जाना !
मुझ से बुरा और कोई नहीं है ,
मैं खुद बुरा हूं भला सब ज़माना !
दस्तूर मेरा यही तो रहा है ,
जीती लड़ाई को खुद हार जाना !
तुमने निकाला हमें जब यहां से ,
फिर ठौर अपना न कोई ठिकाना !
"तनहा" जहां छोड़ जाये कभी जब ,
सबको सुनाना उसी का फसाना !
मैली है चादर हमें घर भी जाना !
हम ने किया जुर्म इक उम्र सारी ,
बस झूठ कहना नहीं सच बताना !
सुन लो सभी यार मुझको है कहना ,
की जो खताएं उन्हें भूल जाना !
मुझ से बुरा और कोई नहीं है ,
मैं खुद बुरा हूं भला सब ज़माना !
दस्तूर मेरा यही तो रहा है ,
जीती लड़ाई को खुद हार जाना !
तुमने निकाला हमें जब यहां से ,
फिर ठौर अपना न कोई ठिकाना !
"तनहा" जहां छोड़ जाये कभी जब ,
सबको सुनाना उसी का फसाना !
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